संदना थानाध्यक्ष अरविंद कुमार कटियार ने भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान समझाए
सीतापुर। पुलिस भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के बारे में लोगों को जागरूक कर रही है। इसी क्रम में, संदना थानाध्यक्ष अरविंद कुमार कटियार ने शुक्रवार शाम तेरवा गांव के बाजार परिसर में एक बैठक की, जिसमें ग्रामीणों को नए कानूनों की विस्तृत जानकारी दी गई।
थानाध्यक्ष कटियार ने बताया कि देश में 1861 का ब्रिटिश कानून चल रहा था, जिसे वर्तमान सरकार ने वर्ष 2023 में तीन नए कानूनों से बदल दिया है। ये कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो गए हैं। अब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गया है।
उन्होंने बताया कि नए कानूनों में महिला संबंधी अपराधों और अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी-एसटी) से जुड़े मामलों में न्याय प्रक्रिया को तेज करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। अब विवेचना और न्यायालय द्वारा निर्णय देने के लिए भी निश्चित समय-सीमा तय की गई है, जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सकेगा।
थानाध्यक्ष ने उपस्थित लोगों से अपराधों से दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि नए कानूनों के तहत अपराध करने पर किसी भी स्थिति में बचना मुश्किल होगा।
इस बैठक में गोंदलामऊ भाजपा मंडल अध्यक्ष सर्वेश रावत, प्रधान प्रतिनिधि सुरेंद्र अर्कवंशी, पूर्व प्रधान भानु प्रताप सिंह, सर्वेश मिश्रा, राजू शुक्ला, राम शंकर वर्मा, भारत सिंह, नरवेश कुमार मौर्य, मदन पाल सिंह अर्कवंशी और नेकराम जगजीवन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।


