Surya Satta
अयोध्याउत्तर प्रदेश

रामोत्सव 2024 : श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ ही स्वच्छता का भी संदेश दे रहे सरयू के घाटों पर स्थापित बायो टॉयलेट्स

 

अयोध्या नगर निगम की ओर से सरयू के घाटों पर बड़ी संख्या में स्थापित किए गए हैं बायो टॉयलेट्स

मकर संक्रांति के पर्व पर सरयू में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं ने बायो टॉयलेट्स ए उठाया लाभ

अयोध्या को धार्मिक पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए मॉडल शहर बनाने की योजना

महिलाओं और पुरुषों के लिए बहुभाषी साइनेज के साथ शौचालय तक पहुंच और सुविधा की गई सुनिश्चित

अयोध्या । अयोध्या में बड़े पैमाने पर धार्मिक पर्यटन को देखते हुए योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में सरकार की ओर से मकर संक्रांति के अवसर पर सरयू नदी के घाटों पर बायो टॉयलेट्स स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से न सिर्फ पर्व पर स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान की जा रही है, बल्कि सीएम योगी के स्वच्छ अयोध्या के संकल्प को भी मूर्त रूप प्रदान किया जा रहा है। ये सभी बायो टॉयलेट्स अयोध्या नगर निगम द्वारा स्थापित किए गए हैं।

 

धार्मिक पर्यटन और स्वच्छता को दिया जा रहा बढ़ावा

 

अयोध्या के नगर आयुक्त एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि अयोध्या में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में हम धार्मिक पर्यटन और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सरयू घाटों के किनारे बायो टॉयलेट्स स्थापित कर रहे हैं। अयोध्या नगर निगम की इस पहल का उद्देश्य मकर संक्रांति स्नान और पर्यटन के लिए प्रमुख घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि ये बायो टॉयलेट सिर्फ सुविधाओं से कहीं अधिक हैं। ये अयोध्या को धार्मिक पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए एक मॉडल शहर बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं। सुविधाओं में 24/7 टोल-फ्री हेल्पलाइन, मुफ्त सार्वजनिक पहुंच, स्वच्छता और संचालन का रखरखाव शामिल है।

 

 

यूजर फ्रेंडली सुविधा पर फोकस

 

उन्होंने बताया कि हम उपयोगकर्ता के अनुभव पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके लिए महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बहुभाषी साइनेज और शौचालय, सभी के लिए पहुंच और सुविधा सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा पर्यावरणीय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, ये बायो टॉयलेट्स ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, एनजीटी दिशानिर्देशों और स्वच्छ भारत मिशन एसबीएम 2.0 निर्देशों के अनुरूप बनाए गए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि अयोध्या को स्वच्छता, स्थिरता और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक बनाने की दिशा में इस यात्रा में हमारे साथ शामिल हों। आपका समर्थन अमूल्य है।

Leave a Reply

You cannot copy content of this page