सड़क से संसद तक राही जी के विचारों ने उनकी दूरदर्शिता और विद्वता को साबित किया: डॉ. दिनेश शर्मा
सीतापुर : स्व. रामलाल राही आज केवल इसलिए याद नहीं रखे जा रहे हैं कि वह केंद्र सरकार में मंत्री थे, वह कई बार विधायक और सांसद बने, बल्कि वह आज इसलिए याद रखे जा रहे हैं कि वह किसी जाति विशेष का नहीं बल्कि संपूर्ण समाज का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति थे. आज पुण्य तिथि के मौके पर मैं उनको शत-शत नमन करता हूं. यह बात विधान परिषद सदस्य एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कही. वह रविवार को यहां शहीद लालबाग पार्क में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्व. राम लाल राही की दूसरी पुण्य तिथि के मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन की पीड़ा को उन्होंने सदैव ही ह्रदय से महसूस किया है. चाहे सीपेज की समस्या हो, चाहे बाढ़ग्रस्त इलाके में बांध निर्माण की बात हो या फिर गोमती सहित अन्य तमाम नदियों को पर्यावरण से मुक्त करने की बात हो वह सदैव ही इसके लिए चिंतन, मनन और संघर्ष करते रहे. उन्होंने कहा कि लोक सभा में जिस तरह से उन्होंने कटौती और संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किए वह उनकी दूरदर्शिता और विद्वता को साबित करती है. स्व. राही जी सदैव दीन दयाल जी के एकात्म मानववाद की बात करते थे. एक संस्मरण सुनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में स्व. अटल जी और स्व. राही जी की एक मुलाकात का मैं साक्षी हूं। राही जी के वहां से जाने के बाद अटल जी ने मुझसे कहा था, “राही जी जिस तरह से आमजन की पीड़ा को सड़क से लेकर संसद तक मुखर करते हैं, उससे साफ है कि वह सच्चे अर्थों में जन नायक हैं.” जाति बंधन को तोड़ने का महा अभियान स्व. राही जी ने ही शुरू किया. नशा खोरी के खिलाफ उनके द्वारा जनांदोलन शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि पासी समाज के संघर्ष और बलिदान को वह हमेशा दाेहराते रहे हैं. राजा लाखन पासी, बिजली पासी और छीता पासी के त्याग की गाथा वह अपने समाज के लोगों को सदैव बताते रहे और यह भी बताया कि देश के जांबांजों और बहादुरों की कौम पासी समाज ही है.
अपने स्व. पिता को श्रद्धांजित अर्पित करते हुए कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने कहा कि मैंने जन सेवा का ककहरा उनकी उंगली पकड़ कर सीखा है. वह सदैव कहा करते थे कि जिसने समाजनीति नहीं सीखी व राजनीति नहीं कर पाएगा. उनका कहना था कि बिना किसी जाति और धर्म को देखे, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गरीबों की मदद करना और अपने अतिथि की भरपूर सेवा करना ही समाजनीति है. मेरा भरसक प्रयास है कि मैं उनके सपनों को साकार कर सकूं इससे पूर्व राही जी चित्र पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. आमंत्रित अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया.
इस मौके पर आरएमपी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. पीएन दीक्षित द्वारा स्व. राही जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लिखी गई एक हजार पन्नों की पुस्तक का भी विमोचन मुख्य अतिथि एवं अन्य आमंत्रित अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक रमेश राही, जिला पंचायत की पूर्व सदस्य मंजरी राही, निशा राही आदि ने भी श्रद्धांजलि सभा में अपने-अपने विचार व्यक्त किए.
इस मौके पर नगर विकास राज्य मंत्री राकेश राठौर गुरु, सांसद राजेश वर्मा, विधायक ज्ञान तिवारी, शशांक त्रिवेदी, रामकृष्ण भार्गव, ब्रजेश रावत, मनीष रावत, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह, पूर्व विधायक भरत त्रिपाठी, सुनील वर्मा, महेंद्र यादव, डीसीडीएफ के चेयरमैन सत्य प्रकाश मिश्रा, योगेंद्र सिंह, शिव कुमार गुप्ता, विनोद अवस्थी, राम शंकर भारती, राम किंकर पांडेय, प्रो. दिनेश कुमार, नीरज वर्मा, मुनींद्र अवस्थी, वीरेंद्र भूषण, सुरेश पासी, कलेश वर्मा, राम वक्श रावत, योगेंद्र सिंह, उमेश पांडेय, अमित शुक्ला, जया सिंह, किरन श्रीवास्तव, आशा कनौजिया, दिलीप चौधरी, डॉ. रमा शंकर भारती आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर पूर्व विधायक हरीश बाजपेयी, अनूप गुप्ता, संजीव गुप्ता टिंचू, विनीत दीक्षित ने भी स्व. राही जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.