अनचाहे गर्भ और कैंसर से बचाता है त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन
सीतापुर। बार गर्भपात, अस्पताल के चक्कर लगाने, कमजोरी से निजात पाने और परिवार में खुशहाली लाने के लिए परिवार नियोजन के नए साधन अपनाने में ही सही समझदारी है. इसके लिए वर्तमान में दो नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन व छाया गोली उपलब्ध हैं. दोनों साधन एक ओर दो बच्चों के बीच अंतर रखने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं वहीं इनके इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव होता है. यह कहना है सीएमओ डॉ. मधु गैरोला का.
परिवार नियोजन कर एनीमिया दूर करती छाया गोली
उन्होंने बताया कि छाया गोली के सेवन से माहवारी सामान्य होती है तथा ज्यादा दिनों के अंतराल पर होती है. इससे रक्तस्राव कम होता है, इससे एनीमिक महिलाओं को लाभ होता है. अंतरा में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स होता है जो गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से बचाव में सहायक है.
परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश चंद्रा के अनुसार त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा व छाया गोली काफी सुरक्षित व असरदार हैं. यह महिलाओं को खूब भा भी रही है. यह दोनों साधन जिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि एनएफएचएस- 4 (वर्ष 2015-16) और एनएफएचएस- 5 (वर्ष 2019 20-21) के आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि इन चाल सालों की अवधि में परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के मामले में 8.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
डॉ. कमलेश चंद्रा ने यह भी बताया कि बीते चार सालों में विभाग ऐसे लोगों तक इनकी पहुंच बढ़ाने में सफल रहा. लोगों को आसानी से यह अस्थाई साधन मिलने लगे हैं. बात अगर गर्भ निरोधक साधनों के रूप में प्रयुक्त की जाने वाली गोलियां की करें तो इनकी उपयोगकर्ताओं की संख्या में भी 0.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वर्ष 2015- 16 में महज 1.4 प्रतिशत महिलाएं ही इन गोलियों का प्रयोग करती थीं, लेकिन वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.6 प्रतिशत पर पहुंच गया है. वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 5744 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया था, वहीं वर्ष 2021-2022 में 7791 महिलाओं ने यह इंजेक्शन लगवाया है.
छाया बनी सहेली
डॉ. कमलेश चंद्रा ने बताया कि छाया हारमोन रहित एक गर्भनिरोधक गोली है. यह बाजार में सहेली के नाम से भी उपलब्ध है. बच्चों में अंतराल रखने के लिए यह एक बेहतर विकल्प है. छाया की पहली गोली की शुरुआत माहवारी के पहले दिन से ही करना चाहिए तथा पहले तीन महीने तक सप्ताह में दो दिन और तीन माह बाद सप्ताह में सिर्फ एक बार खानी होती है. स्तनपान कराने वाली व स्तनपान न कराने वाली 15 से 49 वर्ष की सभी महिलाएं इसका प्रयोग कर सकती हैं. यह मां के दूध की मात्रा या गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं डालती है. महिला के बच्चे हों या न हो तथा वह महिलाएं जिन्हें माला एन अथवा माला डी के परेशानी होती है, इसका प्रयोग कर सकती हैं.
अंतरा है बेहद कारगर व सुरक्षित
अंतरा प्रत्येक तीन महीने पर इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है, जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली नहीं खा सकतीं वह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. यह लंबी अवधि तक गर्भधारण से बचाता है तथा दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में सहायक है. अंतरा इंजेक्शन बांह, कमर या कूल्हे में लगाया जाता है. इंजेक्शन लगाए जाने के बाद महिला को उस जगह की मालिश या गरम सेंक नहीं करनी चाहिए.
कौन लगवा सकता है इंजेक्शन
किशोरावस्था से लेकर 45 वर्ष की महिला चाहे उन्हे बच्चे हों अथवा न हों, जिन्हें हाल ही में गर्भपात हुआ हो, स्तनपान कराने वाली महिला (प्रसव के छह सप्ताह बाद) एचआईवी से संक्रमित महिला चाहे इलाज करा रही हो अथवा न करा रही हो, इस इंजेक्शन को लगवा सकती हैं.इसे माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर अथवा गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर लगवाया जा सकता है.