आभा साहित्य संस्था की पूर्णिका गोष्ठी संपन्न
जबलपुर/मध्यप्रदेश। आभा साहित्य संघ के तत्वावधान में गत दिवस मासिक आन लाइन पूर्णिका गोष्ठी संपन्न हुई. जिसकी अध्यक्षता डॉ सलमा जमाल जी और मुख्य आतिथ्य सुभाष शलभ जी विशिष्ट अतिथि मदन श्रीवास्तव विशिष्ट उद्बोधन मंच मणि राजेश पाठक प्रवीण जी और स्वागत उद्बोधन संतोष नेमा संतोष जी के उद्बोधन से शुरू हुआ. वही संस्था के अध्यक्ष और संस्थापक पूर्णिका जनक एडवोकेट डॉ सलपनाथ यादव प्रेम जी के संस्थागत परिचय पूर्णिका प्रकाश से हुआ.
जिसका कुशल मंच संचालन अर्चना द्धिवेदी द्वारा बेहद ही आकर्षक रूप से किया गया. सरस्वती वंदना अस्मिता शैली ने प्रस्तुत की इसके बाद क्रमशः मंच स्वागत रश्मि पांडे, उषा जैन ने किया.
कवि संगम त्रिपाठी जी ने कहा कि पूर्णिका अपनी विशिष्ट छाप साहित्य जगत में बना रही है जो प्रेरणादायक है.
इसके बाद नगर प्रदेश देश विदेश के पूर्णिकाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया जिनमें डॉ सलमा जमाल, अर्चना दि्वेदी, कविता नेमा, डॉ सलपनाथ यादव प्रेम , एम पी कोरी, संतोष नेमा संतोष, किरण श्रीमती राजकुमारी रैकवार, सुभाष शलभ, बुंदेली मर्मज्ञ डॉ के के नेमा निर्झर, रमेश श्रीवास्तव चातक, गोवर्धन सिंह फोदार, सचिदानंद मारीसस, प्रदीप नामदेव, जी एल जैन, राजेन्द्र जैन रतन, रजनी कटारे, कीरत यादव कीरत, रश्मि पांडे शुभि, मदन श्रीवास्तव, कदम जबलपुरी, आदिल अहमद, उषा जैन, दीपेश पांडे अंबर प्रयागराज, शिव अलग, रामवललभ गुप्ता, डॉ प्रो मंजरी गुरु, डॉ नरेश सागर बैखोफ, शायर श्याम कुंवर भारती, डॉ आशा श्रीवास्तव, कवि मनोहर सिंह चौहान मधुकर, मणि बेन द्विवेदी बनारस और डॉ साक्षात भसीन, सिद्धेश्वरी सराफ ने पूर्णिका कह खूब वाहवाही बटोरी. आभार- प्रदर्शन धन्यवाद कविता नेमा द्वारा किया गया.