पिंक गोलियां चेहरों पर ला रहीं गुलाबी रौनक
श्रावस्ती। जिले में जुलाई में 16,014 लड़कों और 13,057 लड़कियों यानि कुल 29,071 बच्चों को गुलाबी रंग वाली आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां खिलाई गईं. इसी तरह पिछले महीने 9,443 किशोरों और 7,980 किशोरियों यानि कुल 17,423 किशोर-किशोरियों को नीले रंग वाली आयरन और फोलिक एसिड की गोली खिलाई गई.
वहीं स्कूल न जाने वाली 10-19 साल की उम्र के 7,457 किशोरियों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नीली रंग वाली गोली खिलाई गई. यह कहना है कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सीएमओ डॉ. संत कुमार का.
डॉ. संत कुमार ने बताया कि नेशनल आयरन प्लस इनिशिएटिव (निप्पी) और वीकली आयरन फोलिक सप्लीमेंटेशन (विफ्स) कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग यह गोलियां खिलाई जा रही हैं, यह गोली कोटेड है.
इससे यह गोली आमाशय में जाकर धीरे-धीरे घुलती है बच्चों को कोई समस्या नहीं होती है. कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों को नीले रंग के आयरन की गोलियां खिलाई जाती हैं.
एनीमिया नियंत्रण को चल रहे कार्यक्रम
– नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव (निपी)
– साप्ताहिक आयरन संपूर्ण कार्यक्रम (विफ्स)
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)
– राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके)
– सबला कार्यक्रम
एनीमिया के कारण
– शरीर में आयरन की मांग बढ़ना.
– भोज्य पदार्थों में आयरन की कमी.
– शरीर द्वारा आयरन का कम अवशोषण होना.
– किशोरियों में माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्त्राव होना.
– पेट में कीड़े होना.
– विटामिन बी-12 की कमी होना.
– फॉलिक एसिड की कमी होना.
– विटामिन सी की कमी होना.
– मलेरिया, पेट संबंधी संक्रामण का होना.
एनीमिया के दुष्परिणाम
– क्षमता, एकाग्रता और सीखने की क्षमता घटाती है.
– संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम होना.
– महावारी रूकना/अनियमित होना/अत्याधिक खून आना.
– शरीर में गर्भावस्था से पूर्व आयरन का स्टोर कम होता है.
– कम वजन का बच्चा और समय से पूर्व प्रसव हो सकता है.
– पढ़ाई, घरेलू कार्य एवं खेलकूद में मन न लगना.
ऐसे दूर करें एनीमिया को
– खाना खाने के एक घंटे बाद एक गिलास पानी के साथ इस गोली को निगल लेना चाहिए.
– प्रति सप्ताह निश्चित दिन भोजन के बाद आयरन की एक गोली का सेवन करें.
– पूरे एक साल भर में आयरन (आईएफए) की कुल 52 गोलियां लेना जरूरी है.
– विद्यालय जाने वाली किशोरियों को आयरन की गोली विद्यालय में खिलाई जाती है.
– विद्यालय न जाने वाली किशोरियों को यह गोली आंगनबाड़ी केंद्र से मिल सकती है.
– आयरन गोली खाने से एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक चाय/कॉफी आदि न लें.
– व्यक्तिगत स्वच्छता तथा अपने पेयजल की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें.