पंकज महाराज बोले- मानव जीवन का सार है भगवान का भजन, बुराइयों को त्यागें
सीतापुर। शनिवार को जनपद के विकास खण्ड गोंदलामऊ क्षेत्र के बखुरी गांव में शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध जनजागरण यात्रा के साथ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत पंकज जी महाराज अपने 56वें पड़ाव पर पहुंचे।
इस दौरान पंकज जी महाराज ने अपने सत्संग सम्बोधन में कहा कि ना जाने किस महात्मा की दया हो गई कि आपको यह मानव तन मिल गया। अरे नर-नारियों, यह देश तुम्हारा नहीं है। ये रिश्ते-नाते, यह परिवार, यहां तक कि यह शरीर भी तुम्हारा नहीं है। यह जो कुछ भी आपको दिखाई, सुनाई देता है, यह सब माया की छाया है। एक निश्चित समय के लिये आपके अच्छे, बुरे कर्मों के हिसाब से जाति-बिरादरी, धन दौलत, पद प्रतिष्ठा में आपका जन्म हो गया और जब श्वासों की पूंजी खत्म होगी तो अपना दिया हुआ सब सामान वह यहीं रखवा लेगा। सुई की नोंक के बराबर भी सामान यहां से लेकर नहीं जा सकते और जिस शरीर का बड़ा गुमान करते हो यह यहीं पर जलाकर राख कर दिया जायेगा या तो जमीन में गड्ढा खोद कर दफन कर दिया जायेगा। सोचो, आप के साथ क्या जायेगा।
इसलिये अब भी वक्त है खेती, दुकान, दफ्तर का काम मेहनत ईमानदारी से करने के बाद बाल-बच्चों की खिदमत, प्यार, दुलार करने के बाद 24 घण्टे में से 2 घण्टे समय निकाल कर भगवान का भजन कर लें। यही भजन जीवन का सार है। यही भजन जीवात्मा को नर्कों व चैरासी में जाने से बचायेगा। ‘‘बिन हरि भजन न जाहिं कलेशा।’’ लेकिन इसके लिये किसी जानकार गुरु की आवश्यकता होती है। रविदास जी हरिजन थे, मीराबाई क्षत्राणी थी जब इनको वह परमात्मा मिल सकता है तो आपको भी मिल सकता है।
पंकज महाराज जी ने वर्तमान में देश में बढ़ती हिंसा और अपराध की प्रवृत्ति में अशुद्ध खान-पान और नशीले पदार्थों के सेवन को ही बताया। परिवार को, समाज को, देश को शांति सुकून देखना चाहते इन बुराइयों को त्यागने की अपील की।
इस अवसर पर मोतीलाल, विजय कुमार, सुनील यादव, ग्राम प्रधान उमेश लोधी, दीन बन्धु, मोहन, मुन्ना लोधी, उमेश शर्मा, पारस नाथ सिंह, योगी, बब्बू, शिव प्रकाश सविता आदि उपस्थित रहे।