जागरूकता से दूर हुई घबराहट, अब दूसरों को लगवा रहे टीका
सीतापुर। केस -1, पहला ब्लॉक के सेमरा गांव के अधेड़ उम्र के साहू को जन्म से लेकर अब तक कोई भी टीका नहीं लगा था , यहीं वजह है कि वह टीके से घबराते थे. इसलिए उन्होंने कोविड टीका भी नहीं लगवाया. इसकी जानकारी पेस संस्था के लोगों को हुई तो उन्होंने उनकी काउंसलिंग की और बाद में उन्होंने टीका लगवाने को राजी हो गए.
कोविड टीकाकरण को लेकर पेस ने शुरू की पहल
केस – 2
पहला ब्लॉक के ही फिरोजपुर चौराहे पर पान की दुकान करने वाले विनोद कुमार ने कई माह बाद भी टीका नहीं लगवाया था इसकी जानकारी पेस संस्था के लोगों को हुई तो उन्होंने उनकी काउंसलिंग की और बाद में उन्होंने न सिर्फ खुद को टीका लगवाया, बल्कि दूसरों को भी टीका के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
केस – 3
लखवापुर गांव की सीमा देवी और मंजीत तथा बज्जूपुर चौड़िया गांव के श्रीप्रकाश, सत्य प्रकाश सुशीला व जय प्रकाश की भी कुछ ऐसी ही कहानी है, यह लोग भी पहले कोविड टीकाकरण से डरते थे. उन्होंने अब न सिर्फ खुद टीका लगवाया बल्कि दूसरों को भी इसकी सलाह दे रहे हैं.
कोविड टीकाकरण की शुरुआत पिछले साल 16 जनवरी को हुई थी। इसके पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मी, दूसरे चरण में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता, तीसरे चरण में बुजुर्ग व गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, चौथे चरण में 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिक तथा पांचवें चरण में किशोरों को टीका लगाया गया. जिले के आला अधिकारियों सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों के सामने टीके को लेकर अलग-अलग तरह की चुनौतियाँ थीं. एक तरफ टीका लगवाने के लिए लंबी कतार लग रही थी तो वहीं भ्रांतियों के चलते कुछ लोग टीका लगवाने से पीछे भी हट रहे थे.
ऐसे में पार्टीसेपेटरी एक्शन फार कम्युनिटी एम्पॉवरमेंट (पेस) संस्था आगे आई. संस्था के कार्यकर्ताओं ने ऐसे लोगों को समझाया और उन्हें टीका लगवाने के फायदे और न लगवाने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में जानकारी दी. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इस टीके को लगवाने के लिए तैयार हुए. इनमें से कई लोग अब दूसरों को भी कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाने की सलाह दे रहे हैं. इन ग्रामीणों का कहना है कि कोविड के चलते कई अपने बिछड़ गए, हर किसी को विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है. कोरोना से बचाव का एक मात्र विकल्प कोविड का टीका ही है। ऐसे में हर किसी को इस टीके की दोनों डोज जरूर लगवानी चाहिए.
पेस संस्था की जिला कार्यक्रम समन्वयक बीना पांडेय बताती हैं कि पहला ब्लॉक में कुल 92 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से 57 ग्राम पंचायतों के एक सैकड़ा से अधिक गांवों में संस्था द्वारा कोविड वैक्सीनेशन मोबिलाइजेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत जो लोग कोविड वैक्सीन नहीं लगवा रहें हैं, संस्था के कार्यकर्ता ऐसे लोगों से मिल कर उन्हें इसके प्रति जागरूक करते हैं. उन्होंने बताया कि बीते एक माह में संस्था द्वारा 154 लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगवाया जा चुका है. इसके अलावा गांवों में जब भी कोविड टीकाकरण का शिविर लगता है तब भी पेस से वालंटियर ग्रामीणों को टीकाकरण केंद्र तक लेकर आते हैं.
पहला सीएचसी के अधीक्षक डॉ. राजीव वर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिन ग्रामीणों को अभी तक काेरोनारोधी टीके की दूसरी डोज नहीं लगी है, वह लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीका जरूर लगवा लें. उन्होंने यह भी कहा कि टीके की दोनों डोज लगवाने के बाद भी मास्क से अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढककर रखें, शारीरिक दूरी बनाकर रखें और अपने हाथों को नियमति अंतराल पर साबुन-पानी से धोते रहें.
किस आयु वर्ग का कितना टीकाकरण
15-18 साल — 3,66,397 टीका
18-45 साल — 38,27,325 टीका
45-60 साल — 11,99,656 टीका
60 से अधिक — 6,84,476 टीका