Surya Satta
सीतापुर

एक शाम गुरुओं के नाम विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न

 

सीतापुर। एक शाम गुरुओं के नाम विराट कवि सम्मेलन का आयोजन क्षेत्र के एल पी एल डी मेमोरियल एकेडमी रघुनाथपुर ऐनी में संपन्न हुआ इस कार्यक्रम में मंच संचालन केदार नाथ शुक्ल ने और अध्यक्षता आदर्श शिक्षक सम्मान से विभूषित आर. डी. वर्मा गुरु जी ने की. केदारनाथ शुक्ल ने ओज, हास्य और श्रंगार की त्रिवेणी प्रवाहित की तो श्रोता वाह वाह करते दिखे. श्री शुक्ल ने पढ़ा उचित बात भी पक्षपात बस टलने लगती है, तभी हमारी रुकी लेखनी चलने लगती है. कानपुर से सीतापुर की पावन धरा पर आये गीतकार सुरेश साहनी ने पढ़ा महल छोड़कर साथ चली वो जब तुमको वनवास मिला था राम तुम्हें भी चल देना था जब सिय को वनवास मिला था.

लखनऊ से पधारे हास्य व्यंग्य के हस्ताक्षर चेतराम अज्ञानी ने हास्य के महत्व को रेखांकित करते हुए पढ़ा, हास्य व्यंग्य हम लिखिति है या हमारि मजबूरी है. स्वाथ्य का सही चाहौ तौ हंसना बहुत जरूरी है. देवेन्द्र कश्यप निडर’ ने गुरु दर्शन को रेखांकित करते हुए पढ़ा भाव भरो सदभाव भरो फिर नित्य चलो तन के दुनिया में, द्वैष नहीं अनुराग जपो तुम मस्त रहो जम के दुनिया में, आदर रोज करो सबका जिससे नरता दम के दुनिया में, काम करो इतना बढ़िया नित नाम रहे चमके दुनिया में.

 

कवयित्री पिंकी अरविन्द प्रजापति ने पढ़ा, मैं करती हूँ. सदा सम्मान दिल में प्यार रखती हूँ, करूँ मैं देश की सेवा यही अरमान रखती हूँ, कोई कहता मुझे पागल मृदुल नादान लड़की हूँ, मैं नाजुक हूँ नहीं दिल में जो हिंदुस्तान रखती हूँ. विनीत तिवारी ने पढ़ा देशद्रोहियों के अब जान पर बन आई,तो राष्ट्र के विरोधियों ने राष्ट्रगान गाया है. अमरेन्द्र सिंह चौहान ने पढ़ा ई मोबाइल के माध्यम से पत्नी पति का भरमौती हैं, है और कहूँ पूछेउ जैसे तो औरे ठौर बताउती है. नवनीत नवल ने पढ़ा सहारे राम के ही सब यहां आराम करते हैं, नाम लेकर उन्हीं का हम शुरू सब काम करते हैं. सहारा राम जी का ही तो इक सच्चा सहारा है, कार्य कैसा भी हो मुश्किल मगर अविराम करते हैं.

रोहित विश्वकर्मा मधुर ने पढ़ा ये पता ही नही क्यों वो खफा हो गए है। वादा निभाने वाले सब सफा हो गए है. तूम दिल बिना हि समझे येसे हि मत लगाना अब प्यार करने वाले बेवफा हो गए है. लवकुश शुक्ल ने पढ़ा स्वजनों की आंखों में कुछ शैलाब दिखाई देते हैं, बंगला मोटर गाड़ी के भी ख्वाब दिखाई देते हैं. पांच मिनट जीवन बीमा वालों ने अगर समझाया तो, जीने से ज्यादा मरने के लाभ दिखाई देते हैं.

 

राजेश बादराना ने पढा यल पी यल डी हयि नघीचे,हमारि सिलियउ अब पढ़ी. स्कूल के प्रबंधक और आयोजक सुरेन्द्र मौर्य ने सभी कवियों, श्रोताओं का हृदय से आभार अभिनन्दन किया. चालीस वर्षों से नि:शुल्क शिक्षण कार्य करने वाले आर डी वर्मा को आदर्श शिक्षक सम्मान से अलंकृत भी किया गया.

इस मौके पर बतौर अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अजय भार्गव, राम गोपाल अवस्थी, विनोद रावत, राजेश कश्यप, जवान सिंह, चांद रजा कव्वाल, नीतू वर्मा, चन्द्रशेखर प्रजापति, योगेन्द्र मौर्य सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित रहे.

Leave a Reply

You cannot copy content of this page