भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म की कथा सुन झूम उठे श्रोता
धीरेन्द्र प्रताप सिंह
सीतापुर। संदना क्षेत्र के कैलाश आश्रम मंदिर परिसर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत व रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
कृष्ण जन्म का प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भया जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे.
वहीं श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर मक्खन मिश्री के प्रसाद का भोग लगाकर वितरित किया. कैलाश आश्रम मंदिर पर चल रही कथा व्यास प्रहलाद कृष्न ने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए. भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि जब जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं. वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन से आई साध्वी सगुना बाई ने रामकथा का गुणगान किया.
विभिन्न प्रसंगों पर सुनाई कथा
कृष्ण जन्म की कथा के पूर्व साध्वी सगुना बाई ने भगवान राम के अवतार की लीला का वर्णन किया. इस दौरान हनुमान की भक्ति की झांकी प्रस्तुत की गई कथा व्यास ने कहा कि भगवान राम ने आदर्श स्थापित किया है, वह आज भी प्रासंगिक है. राम जन्म, ताड़का वध, राम ये विवाह,वनवास, रावण वध सहित राम राज्याभिषेक पर सुन्दर व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि द्वापर में जब कंस के अत्याचार बढ़े तो श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर मुक्ति दिलाई। श्री रूद्र महायज्ञ में भूत-भावन भगवान भोलेनाथ संकर भगवान के पवित्र स्थान कैलाश आश्रम पर हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
राम की कथा का बखान और सुंदर झांकियों की प्रस्तुति देखकर श्रद्धालु झूम उठे. वहीं आयोजक महात्मा सोमनाथ ने भी अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं को निहाल किया. उन्होंने अपने प्रवचनों में कहा कथा सुनने से पापों का नाश होता है. श्री रूद्र महायज्ञ में जो श्रद्धालु भाग लेते हैं वह अपने आप की अंतरात्मा की खुराक को पूरा करते हैं. वही उज्जैन के आचार्यों द्वारा मंत्रों का उच्चारण कर यज्ञ हवन किया गया. इस अवसर पर यज्ञ के यजमान यतेंद्र अवस्थी बबलू ,विजय त्रिपाठी, चंद्रशेखर सिंह, रमेश चंद्र शुक्ल आदि मौजूद रहे.