Surya Satta
सीतापुर

अब पीएचसी व उपकेंद्रों पर भी अंतरा व छाया की सुविधा   

सीतापुर। परिवारनियोजन के अस्थायी साधन अब लोगों को आसानी से घर के नजदीक ही मिल सकें, इसको लेकर सेहत महकमे ने एक नई पहल की है. अभी तक यह साधन जिला अस्पतालों और सीएचसी पर ही मिल रहे थे, लेकिन अब जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर भी परिवारनियोजन के अस्थायी साधनों का मुफ्त लाभ उठाया जा सकता है. यह व्यवस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय के निर्देशों के क्रम में की गई है. इन सभी केंद्रों पर परिवार नियोजन का अस्थायी साधन त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा व छाया गोली के साथ ही कंडोम भी उपलब्ध रहेगा. इन साधनाें की उपयोगिता के बारे में जानकारी देने के लिए जिला महिला चिकित्सालय में गुरुवार को चिकित्सकों, कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, स्टाफ नर्स, एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया.

चिकित्सकों, सीएचओ, स्टाफ नर्स व एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण

प्रशिक्षण शिविर में मास्टर ट्रेनर डॉ. खुर्शीद जैदीने बताया कि परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में खाने की गोली छाया एक महत्वपूर्ण कड़ी है. इसे खाने की शुरूआत कभी भी यहां तक कि प्रसव के तुरंत बाद भी की जा सकती है. तीन माह तक दोगोली प्रति सप्ताह और इसके बाद एक गोली प्रति सप्ताह निर्धारित दिवस पर खाई जा सकती है. पहली बार जिस दिन पहली गोली खाई है, तीन माह बाद उसी दिन प्रति सप्ताह एक गोली खानी है. ट्रेनर और जिला महिला चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ. सुषमा कर्णवाल ने बताया कि परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में अंतरा इंजेक्शन भी महिलाओं द्वारा बेहद पसंद किया जाता है. यह इंजेक्शन प्रति तीन माह के अंतर पर लगाया जाता है. इसे माहवारी आने के एक सप्ताह के अंदर और प्रसव होने के 6 सप्ताह बाद ही लगाया जाता है. गर्भवती को यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है.
परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रबंधक जावेद खानने बताया कि वर्ष 2021 मेंअंतरा इंजेक्शन 5,229 महिलाओं ने लगवाया है. दो बच्चों के जन्म के बीच पर्याप्त अंतर रखने के लिए पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है. इसे प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगाया जाता है. वहीं जरूरत होने पर इसको आसानी से निकलवाया जा सकता है. अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाएं इसे बेहद पसंद करती हैं.

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