Surya Satta
सीतापुर

अब एक व्यक्ति दो नहीं बल्कि चार लोगों को दे सकता है आंखों की रोशनी

 

सीतापुर। क्या आप नेत्रदानी है, अर्थात आपने मृत्योपरांत अपनी आंखों (कार्निया) को दान करने की घोषणा कर रखी है, तो आप यह भी जान लें कि आप अब दो नहीं बल्कि चार लोगों की जिंदगी में रोशनी भरने जा रहे हैं. अब आपकी आंखों से दो नहीं बल्कि चार लोग देख सकेंगे. पहले दोनों आंखों से केवल दो ही कार्निया मिलती थीं, लेकिन अब नई तकनीक आने के बाद से एक आंख से दो कार्निया प्रत्यारोपित की जा रही हैं. इस बारे में सीतापुर आंख अस्पताल के नेत्रदान विभाग के प्रबंधक स्वर्णिम अवस्थी ने कई जानकारी साझा की.

उन्होंने बताया कि डीमैक तकनीक से होने वाला यह प्रत्यारोपण सीतापुर आंख अस्पताल के डॉ. एमके मेहरे आई बैंक में शुरू हो गया है. खास बात कि व्यक्ति के मरने पर उसकी पूरी आंख नहीं बदली जाती है. केवल आंख की ऊपरी परत (कार्निया) ही ली जाती है. उन्होंने बताया कि मौत के छह घंटे तक ही कार्निया प्रयोग लायक रहती है. उन्होंने अपील की है कि नेत्रदान अभियान में सहयोग करें. देश में 25 लाख लोग अभी भी दृष्टिहीनता के शिकार हैं. इन सभी को यदि समय से कार्निया मिल जाए तो वह भी दुनिया का हर रंग देख पाएंगे.

सीतापुर आंख अस्पताल की सीएमओ कर्नल डॉ. मधू भदौरिया बताती हैं कि आंख किसी व्यक्ति के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है और अगर वही नहीं है तो व्यक्ति का जीवन किसी काम का नहीं. ऐसे लोगों की मदद के लिए अधिक से अधिक नेत्रदान कराने के लिए आई बैंक और तमाम सामाजिक संस्थाओं की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं.

 

उन्होंने बताया कि देश में हर साल 80 से 90 लाख लोगों की मृत्यु होती है लेकिन नेत्रदान 25 हजार के आसपास ही होता है. नेत्रदान को बढ़ाकर ही नेत्रहीनों की दुनिया में खुशियों के रंग भरे जा सकते हैं. अक्तूबर माह के दूसरे बृहस्पतिवार को हर साल विश्व दृष्टि दिवस भी मनाया जाता है. इसका मकसद आंखों की बीमारियों और समस्याओं को लेकर लोगों को जागरूक करना है. उनका कहना है कि जागरूकता की कमी और धार्मिक भावनाओं के चलते अधिकतर लोग नेत्रदान से कतराते हैं. रक्तदान की तरह ही नेत्रदान के लिए जागरूकता बढ़ाकर ही दृष्टिहीनों की संख्या में कमी लाई जा सकती है.

 

नेत्रदान से पूर्व बरतें सावधानी

सीतापुर आंख अस्पताल की सीएमओ कर्नल डॉ. मधू भदौरिया बताती हैं कि नेत्रदान से पूर्व कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि नेत्रदान से पूर्व पार्थिव शरीर को ठंडी जगह में रखें, उसकी आंखों पर सीधी हवा न लगने दें आंखों पर गीली रूई या फिर बर्फ के टुकड़े रख दें. संभव हो तो मरीज के रूम का एसी चालू रखें.

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