चीरा न टांका, बस 10 मिनट का ऑपरेशन और हो गया परिवार नियोजित
श्रावस्ती : आप और बच्चे नहीं चाहते हैं. ऐसे में आप परिवार नियोजन के स्थायी साधन को अपनाना चाह रहे हैं. ऐसे में आपके सामने पुरुष नसबंदी (एनएसवी) जैसा सरल और आसान विकल्प मौजूद है. हर परिवार को इसे अपनाना चाहिए. यह परिवार नियोजन का स्थायी साधन है. यह कहना है एसीएमओ डॉ. एसके तिवारी का.
एसीएमओ और एनएसवी विशेषज्ञ डॉ. उदयनाथ ने एक मुलाकात में बताया कि पुरुष नसबंदी को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने और परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर साल 21 नवंबर से चार दिसंबर तक पुरुष नसबंदी (एनएसवी) पखवारा मनाया जाता है. इस पखवारे का उद्देश्य जन समुदाय को सीमित परिवार के बारे में जागरुक करने के साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाना है.
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि समाज में एक आम धारणा है कि नसबंदी से पुरुषों में कमजोरी आ जाती है. लेकिन ऐसा नहीं हैं. यह एक भ्रांति मात्र है. पुरुष नसबंदी करने की प्रक्रिया महिला नसबंदी के मुकाबले बहुत ही सरल और सुरक्षित है. इस पूरी प्रक्रिया में 10 से 15 मिनट का समय लगता है और इसमें ज्यादा से ज्यादा दो दिन के आराम की जरूरत होती है या उसकी भी जरूरत नहीं होती है. उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के लिए पुुरुषों को ही आगे आना चाहिए, क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह एक मामूली आॅपरेशन है, जिस दौरान कोई चीर फाड़ नहीं की जाती और न ही कोई टांका लगाया जाता है. आपरेशन से एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है. नसबंदी आपरेशन के बाद किसी भी किस्म की शारीरिक कमजोरी नहीं आती, यह सिर्फ वहम हैं. यह औरत के नलबंदी आपरेशन के मुकाबले हर पक्ष से अपनाना आसान है. आपरेशन करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए. व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और एक बच्चा होना जरूरी है.
आमजन से अपील करते हुए सीएमओ ने कहा कि पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में फैली गलत धारणाओं को दूर करने की जरूरत है, इसलिए छोटा परिवार सुखी परिवार की धारणा को साकार करने के लिए पुरुषों को आगे बढ़ कर जिम्मेदारी उठानी चाहिए. उन्होंने इस अभियान में लगे लोगों से भी अपील की है कि वह योग्य जोड़ों की बैठकों का आयोजन कर छोटा परिवार सुखी परिवार की महत्ता के बारे में जागरूक कराएं और पुरुषों को चीरा रहित नसबंदी (एनएसवी) करवाने के लिए प्रेरित करें. प्रोत्साहन राशि को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि श्रावस्ती जिला मिशन परिवार विकास में शामिल है, इसलिए श्रावस्ती के पुरुषों को नसबंदी आंपरेशन करवाने पर 3,000 रुपये और आंपरेशन के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाती है. उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बड़ा अहम रोल अदा कर सकती है.