Surya Satta
उत्तर प्रदेश

क्षय रोगियों को पोषित कर रहे हैं निक्षय मित्र

 

निक्षय मित्रों की तरफ से बांटी जा रही है पोषण पोटली

 पोटली में दी जा रही है संतुलित आहार की खाद्य सामग्री

सीतापुर : एक साल पहले मुझे टीबी हुई थी. फिर दो माह पहले यहां के चीनी मिल प्रशासन ने मुझे गोद ले लिया. इसके बाद से मुझे मिल की तरफ से संतुलित आहार रूप में मूंगफली, गुड़, भुना चना, तिल, गजक आदि मिलने लगा और आज भी मिल रहा है. इसके खाने से मेरी कमजोरी तो दूर हुई ही है साथ ही पहले से काफी आराम भी है. यह कहना है पिसावां ब्लॉक के वजीरनगर गांव के संतोष (बदला हुआ नाम) का. कुछ ऐसा ही कहना है चौखड़िया गांव के ब्रजेंद्र और मिश्रिख ब्लॉक के इमलिया गांव की देवकली का। इन टीबी मरीजों को भी नियमित पोषण पोटली मिल रही है. एक पोषण पोटली 500-600 रुपए में तैयार हो जाती है.

 

3,951 मरीजों को लिया गया गोद

 

एसीएमओ व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एसके शाही ने बताया कि जिले के 3,951 टीबी मरीजों को स्वयं सेवी संस्थाओं, राजनैतिक दलों, शैक्षिक संस्थाओं, जन प्रतिनिधिओं, अधिकारियों और ने गोद लिया है. गोद लेने वालों को निक्षय मित्र कहा जाता है और इन निक्षय मित्रों द्वारा टीबी मरीजों को पोषण के लिए हर माह गुड़, चना, मूंगफली, फल और प्रोटीन पाउडर इत्यादि हर माह उपलब्ध कराया जाता है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत रोगियों को 500 रुपये हर महीने और इलाज की सुविधा देती है. वर्तमान में जिले के 26,045 टीबी रोगियों को यह भत्ता दिया जा रहा है. यह भत्ता मरीज के ठीक होने तक दिया जाता है. आगामी 15 तारीख को आयोजित होने वाले पोषण दिवस पर कुछ और मरीजों को गोद लिया जाना है.

 

इस तरह शुरू हुई गोद लेने की योजना

 

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष दीक्षित ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. इसे सफल बनाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्षय रोग से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना संचालित कर रही है. इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई व्यक्ति टीबी के मरीज को गोद ले सकता है, जिससे उसका समुचित इलाज हो सके. इस योजना को ‘अडॉप्ट पीपल विद टीबी’ का नाम दिया गया है. सूबे में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा वर्ष 2019 में टीबी मरीजों को गोद लेने की मुहिम शुरू की गई. राज्यपाल के आह्वान के बाद टीबी (क्षय) रोग से मुक्ति दिलाने के लिए लोग तेजी से मरीजों का हाथ थाम रहे हैं. वह रोगियों को पोषक सामग्री उपलब्ध कराने के साथ उपचार में उनकी मदद भी कर रहे हैं.

 

सीएमओ ने आमजन से की अपील

 

सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने अधिकारियों, संस्थाओं, संगठनों और आमजन से अपील की है कि वह टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आएं. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है. निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इच्छुक लोगों के आवेदन पर मरीज को गोद दिया जाएगा. वह लोग मरीजों को नियमित दवा लेने और सेहत का ध्यान देने के लिए प्रेरित करेंगे. जब मरीज की सेहत बेहतर हो जाएगी तो गोद लेने वाले व्यक्ति को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. गोद लेने के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, पेशा का ब्योरा देना होगा. इसके बाद विभाग की ओर से मरीज को गोद दिया जाएगा. गोद लेने वाले व्यक्ति को मरीज का नाम, पता आदि जानकारियां किसी को शेयर नहीं करना होगा. इसके लिए टीबी के मरीजों से भी स्वास्थ्य विभाग से सहमति पत्र लिया जाएगा वह किसी से मदद लेना चाहते हैं या नहीं.

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