फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने को शुरू हुआ नाइट ब्लड सर्वे अभियान
सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत जिले में फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे का अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान आगामी 20 सितंबर तक चलेगा। यह सर्वे शहरी सहित जिले के सभी ग्रामीण ब्लाक में किया जाएगा.
एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज (वीबीडी) डॉ. राजशेखर ने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों को चिन्हित करने का काम रात में इसलिए किया जाता है, क्योंकि रात के समय इसके परजीवी जिन्हें हम माइक्रो फाइलेरिया कहते हैं, वह खून में अधिक सक्रिय होते हैं. इसलिए रात में लोगों के खून के नमूने की जांच कर संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जाता है. डॉ. राजशेखर ने बताया कि इसके लिए प्रत्येक ब्लाक में दो क्षेत्रों से रक्त के नमूने लिए जाएंगे, एक ऐसा क्षेत्र जहां पूर्व में अधिक फाइलेरिया के रोगी पाए गये हों एवं एक रैंडम साईट/ग्राम में नाईट ब्लड सर्वे का कार्य किया जाएगा.
यह सर्वे 20 या 20 साल से अधिक आयु की महिलाओं एव पुरुषों के बीच ही सम्पन्न किया जाएगा. जिला मलेरिया अधिकारी राज कुमार सारस्वत ने बताया कि प्रत्येक साईट पर रात आठ बजे से रात 12 बजे तक काम किया जाएगा एवं रक्तपट्टिकाएं बनाई जाएंगी। इनकी जांच संबंधित प्रयोगशाला में की जाएगी. नाइट ब्लड सर्वे के लिए ब्लॉकवार टीमें बनाई गई हैं.
फाइलेरिया के लक्षण
फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं। अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं.
ऐसे करें बचाव
फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें. घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें. सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं. स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है. विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार निशुल्क होता है. इसलिए लक्षण नजर आते ही सीधे सरकारी अस्पताल जाएं.