Surya Satta
उत्तर प्रदेशलखनऊ

योगी सरकार का एक और एक्शन ,नहित के काम में भारी पड़ी लापरवाही, बांदा के नरेनी एसडीएम निलंबित

 

उप जिलाधिकारी, नरैनी (बांदा) विकास यादव पर गिरी गाज, कदाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित

एसडीएम ने की जनहित के प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही, पदीय दायित्वों का नहीं किया सम्यक निर्वहन, शासन की छवि धूमिल करने का भी है आरोप

प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत जारी है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई

फिरोजाबाद में बड़ी कार्रवाई के बाद अब बांदा में चला मुख्यमंत्री योगी का चाबुक

फिरोजाबाद के सिरसागंज तहसील में अवैध तरीके से जमीन हड़पने के मामले में 5 अधिकारी और कर्मचारी हो चुके हैं निलंबित

लापरवाह व अक्षम अधिकारियों के खिलाफ एक और कार्रवाई कर मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा संदेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सुशासन को सुनिश्चित कर रही योगी सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई का दौर जारी है। फिरोजाबाद में एसडीएम और नायब तहसीलदार सहित 05 अधिकारियों के निलंबन के एक दिन बाद गुरुवार को सीएम योगी ने बांदा के नरैनी में तैनात उप जिलाधिकारी (एसडीएम) विकास यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विकास यादव पर जनहित के मामलों में लापरवाही, बरतने और पर्यवेक्षणीय उदासीनता बरतने और कदाचार के कारण यह कार्रवाई की गई है। एसडीएम विकास यादव को पदीय दायित्वों के सम्यक निर्वहन में अक्षम पाया गया है, साथ ही शासन की छवि धूमिल करने का भी आरोप उन पर लगा है। निलंबन अवधि के दौरान विकास यादव उप जिलाधिकारी आयुक्त व सचिव, राजस्व परिषद उ.प्र के लखनऊ कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।

 

विभागीय जांच होगी, दायर होगा आरोप पत्र

 

निलंबन अवधि के दौरान विकास यादव को केवल आधा वेतन मिलेगा और महंगाई भत्ते के भुगतान समेत तमाम सुविधाओं से वंचित रहना होगा। उन्हें अब विभागीय जांच का सामना करना होगा तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि फिरोजाबाद के अंतर्गत सिरसागंज तहसील में गलत ढंग तरीके से भूमि का विक्रय करने व संदिग्ध रूप से अपने करीबियों को जमीन दिलाने के मामले में भी योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की थी। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, यहां के उप जिलाधिकारी, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और पेशकार को निलंबित करने के ससाथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ जिलाधिकारी को एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए गए थे।

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