यूक्रेन में फसे मृत्युंजय चौरसिया आठ दिन की लंबी यात्रा के बाद पहूंचा अपने घर, मां और पिता हुए भावुक
सीतापुर। यूक्रेन के इवानो फ्रांकिविस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के तृतीय वर्ष के छात्र मृत्युंजय चौरसिया आठ दिन की लंबी यात्रा के बाद अपने पैतृक घर सिधौली पहुंचा. मां आशा चौरसिया व पिता अशोक चौरसिया अपने पुत्र को देखकर भावुक हो गये. मृत्युंजय यूक्रेन के इवानो फ्रांकिविस्क शहर में रह कर पढाई करता था.
मृत्युंजय ने बताया कि वह रोमानिया बार्डर पर बिताए गये साठ घंटो को अपनी जिंदगी में कभी नहीं भूल पाएगा. मृत्युंजय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा घर वापस होने की एडवाइजरी जारी होने के एक या दो दिन बाद ही रूस की सेना ने हमला बोल दिया और बमबारी शुरू हो गयी जिसके बाद एकाएक अपने वतन लौटने वालों की भीड बढ गई.
मृत्युंजय आगे बताते हैं कि वह इवानो से 26 फरवरी को रोमानिया बार्डर के लिए निकले जहां उन्होंने कड़ाके की ठंड व अनिश्चितताओं के बीच जो साठ घंटे बिताए वह बहुत कष्टदायक थे.
रोमानिया पहुंचकर उनकी मुश्किलें समाप्त हो गयी वहां पर मेयर एवं एनजीओ के द्वारा बहुत ही अच्छी व्यवस्थाएं की गयी थी. रोमानिया में तीन दिन रुकने के बाद वह अपने वतन वायुसेना के विमान से लौट आए. दिल्ली से राज्य सरकार के द्वारा घर तक पहुंचाने के लिए कार की व्यवस्था की गयी थी. कार द्वारा वह शनिवार को तीन बजे अपने घर पहुंचे.
मृत्युंजय ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बताया कि यूक्रेन के लोगों के लिए हम सभी को भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए. यूक्रेन के लोग बहुत ही खराब स्थिति में हैं. जब उनसे पूछा गया कि यदि युद्ध रुक जाए तो आप वहां पुनः पढाई पूरी करने जाएंगे तो वह बोले कि अवश्य मैं वहां जाकर पढाई पूरी करूंगा