Surya Satta
सीतापुर

खनन माफिया ने कमाई के लिए खोद रहे नहर की पटरी, अफसर अंजान

 

ऋषि मिश्र

सीतापुर : चंद सिक्कों के लालच में कुछ लोग कानून को हांथ में लेकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे है प्रतिबंधों के बावजूद नहर का जलस्तर घटते ही शहर के इर्द गिर्द नहर में कई स्थानों पर खनन हो रहा है. बालू ट्रैक्टरो पर जेसीबी से लादकर बिकने के लिए भेजी जाती है. प्रशासन की अनदेखी से नहर के बहाव पर ही खतरा मंडरा रहा है सीतापुर जनपद के सिधौली तहसील थाना कमलापुर की सीमा में खीरी ब्रांच नहर प्रवेश करती हैै. इस नहर के आस पास लोग खेती किसानी करते थे लेकिन अब मोटी कमाई के फेर में खनन माफिया मनमानी कर के नहर के अस्तित्व को मिटाने पर उतर आए हैं गांवों की बात छोड़िए यहां तो कमलापुर कस्बे के करीब जिम्मेदारों की नाक के नीचे से अवैध खनन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है नहर की पटरी से बालू दिन रात निकाली जा रही है.

 

बेखौफ लोग दिन में भी बालू निकालने का काम कर रहे हैं जबकि जब की कमलापुर कस्बे से होकर गुजरी नेशनल हाईवे से होकर अफसर व कर्मचारी गुजरते रहते हैं कोई अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करना तो दूर मौके पर जाना भी मुनासिब नहीं समझता. कस्बे के निर्माणाधीन मकानों में भी पहुंचाते हैं बालू कस्बे में निर्माणाधीन मकानों में मिट्टी व बालू पहुंचाई जाती है. एक ट्रैक्टर मिट्टी व सफेद बालू की कीमत पांच से लेकर सात सौ रुपये तक होती है. मिट्टी व बालू के जरिए कमाई करने वाले लोग किसानों को संकट में डाल रहे हैं. रास्ता तो खराब करते ही हैं. उपजाऊ मिट्टी के कटान से बगल के खेतों में को नुकसान पहुंचाते हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खनन माफियाओं पर जनप्रतिनिधि का वरद्ध हस्त प्राप्त होने से प्रशासन भी अपना पला झाड़ते नजर आ रहा है अब देखना यह है कि इन पर अब क्या कार्रवाई होती है.

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