Surya Satta
सीतापुर

नैमिषारण्य मिश्रिख के समेकित पर्यटन विकास हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक   

सीतापुर। नैमिषारण्य-मिश्रिख (naimisharanya-misrikh) के समेकित पर्यटन विकास(Integrated Tourism Development) हेतु जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज(District Magistrate Vishal Bhardwaj) की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार (Collectorate Auditorium) में बैठक सम्पन्न हुयी.
 बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने एजेण्डा बिन्दुओं पर एक-एक करके चर्चा की. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनीवर्सिटी के आर्किटेक्ट फैकल्टी एवं अर्बन प्लानर राहुल जादौन ने पावर प्वाइंट प्रेजेण्टेशन के माध्यम से क्षेत्र के दीर्घकालिक एवं सुनियोजित विकास के लिये प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण किया.
श्री जादौन ने क्षेत्र आधारित एवं शहर आधारित विकास कार्यों को कराकर चरणबद्ध तरीकों से कार्यों को कराये जाने हेतु भी प्रस्तुतीकरण किया. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने पर्यटन विभाग द्वारा क्षेत्र में कराये गये विकास कार्यों के विषय में बताया.
 बैठक के दौरान नैमिषारण्य-मिश्रिख में स्थित पर्यटन स्थलों का चयन कर पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण कराये जाने तथा नैमिषारण्य-मिश्रिख के समेकित पर्यटन विकास के विषय में विस्तारपूर्वक विचार विमर्श किया गया. चौरासी कोसीय परिक्रमा मार्ग के सौन्दर्यीकरण एवं चौड़ीकरण कराने, विभिन्न पड़ावों पर स्थित पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों हेतु मूलभूत सुविधाओं हेतु, यात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा हेतु सुलभ प्रसाधन, यात्री शेड का निर्माण, पेयजल की सुविधा, प्रकाश व्यवस्था आदि के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी. नैमिषारण्य-मिश्रिख क्षेत्र में स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों के महानुभावों ने क्षेत्र के विकास के संबंध में अपने विचारों से अवगत कराया. महानुभावों ने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि नैमिषारण्य-मिश्रिख क्षेत्र की ऐतिहासिकता एवं पौराणिकता के साथ मौलिक विकास को कराते हुये योजना को अन्तिम रूप दिया जाये. बेहतर आवागमन व्यवस्था तथा सृजन के बाद संरक्षण की आवश्यकता पर भी सभी ने बल दिया.
बैठक के दौरान जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने कहा कि क्षेत्र के दीर्घकालिक एवं सतत विकास के लिये सभी बिन्दुओं पर गहनतापूर्वक विचार विमर्श कर कार्यवाही करने हेतु बैठक आहूत की गयी है।भरत उन्होंने नैमिषारण्य-मिश्रिख क्षेत्र में स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों के महानुभावों द्वारा प्रस्तुत किये गये विचारों को योजना में शामिल करते हुये सम्पूर्ण योजना प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देश भी दिये. उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास कई चरणों में कराये जाने के क्रम में सर्वप्रथम मौलिक सुविधाओं यथा शुद्ध पेयजल, विद्युत, प्रकाश, प्रसाधन, आवागमन आदि सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने की योजना है.इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से अनेक कार्य भी क्षेत्र में कराये जायेंगे.
बैठक में यह लोग रहे मौजूद
बैठक के दौरान महंत भरत दास, महंत संतोष दास खाकी,  राजनारायण पाण्डेय, जगदंबा प्रसाद दीक्षित,  मनीष शास्त्री,  विवेक शास्त्री, पं. राहुल शर्मा, उपजिलाधिकारी मिश्रिख एम.के. त्रिपाठी, सहायक अभियन्ता ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा नुजहत परवीन सहित कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि संबंधित अधिकारी एवं नैमिषारण्य-मिश्रिख क्षेत्र में स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

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