नेपाल सीमा से सटे जंगल में अब गूंज रहे मंगल गीत
लखीमपुर। नेपाल सीमा से सटे स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किए गए प्रयास अब रंग ला रहे हैं. घने जंगलों के बीच बने छह उप स्वास्थ्य केंद्रों पर विभाग ने सेवाएं और सुविधाएं बढ़ा दी हैं. इसके कारण दिन ही नहीं अब रात में भी जंगल के बीच नवजात की किलकारियां गूंज रही हैं.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनिल कुमार यादव ने बताया कि इन स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य सेवाओं की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काफी प्रयास किए गए. इन स्वास्थ्य केंद्रों का पहले जीर्णोद्धार कराया गया. सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए.
उच्चीकृत स्वास्थ्य उप केंद्रों पर चौबीसों घंटे हो रहे प्रसव
स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इसके बाद 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की गई हैं. इसके अलावा नियमित टीकाकरण, कोविड टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच शुरू कर दी गई है. बेहद पिछड़े इस थारू जनजातीय क्षेत्र के लोगों को प्रशिक्षित एएनएम के जरिए चौबीस घंटे संस्थागत प्रसव व परिवार कल्याण सहित तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की यह सुविधाएं नेपाल की सीमा से सटे क्षेत्र के थारू जनजाति के लोगों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है. खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए यह सुविधाएं जीवनदायिनी साबित हो रही हैं. दिन में ही नहीं रात को भी इन स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराए जा रहे हैं.