बारिश की कमी से खेतों में पड़ी दरारें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
सीतापुर। भादो का महीना कल खत्म हो जाएगा लेकिन किसान आसमान में टकटकी लगाए हैं. बरसात की आस में कि फसलें सूख रही हैं. विकासखंड खैराबाद क्षेत्र में भी यही आलम देखने को मिल रहा है कहीं धान के खेत मुरझाए तो कहीं गन्ने की फसल सूख रही है सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं. निजी नलकूप से महंगी सिंचाई किसानों की कमर तोड़ रही है इससे किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए जूझना पड़ रहा है. जुलाई-अगस्त में बारिश ना होने के कारण फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.
जिन खेतों में धान रोपाई की गई है उन खेतों में दरारें पड़ गई है.
यह कहावत सच हो गई -जेठ चले पुरवाई सावन सूखे जाई
क्षेत्र के बिनौरा गांव के किसानों में अपनी समस्याएं कुछ इस प्रकार बताई 1 -गांव के लाल जी भार्गव ने बताया हमारे खेत के आस पास दूर तक सरकारी नलकूप नहीं है बरसात का ही सहारा है 2 बीघा धान लगाए थे पानी के अभाव में सूख गए.
2 -गंगापुर उल्फत राय के सुनील कुमार ने बताया आस पास नलकूप ना होने के कारण बहुत दूर स्थित निजी नलकूप से 3300फिट पाइप लगाकर पानी लाते हैं 3 बीघा सिंचाई में 2500 का खर्चा आ रहा है. जिस कारण खेती कर पाना बहुत कठिन है । 3 – कन्हैया कहना है बारिश ना होने के कारण फसलें तो सुख ही रही है लेकिन रात रात जागना पड़ रहा है छुट्टा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए गन्ना की फसल भी सूख रही है.