परिवार नियोजन कार्यक्रम की रोल माॅडल बनी जय देवी
सीतापुर। मैं, गर्भवती हूं… लेकिन अभी बच्चा नहीं चाहती हूं. यह सुनकर ओपीडी में बैठी महिला चिकित्सक ने उस युवा विवाहिता को गौर से देखा और उसकी गोद की ओर इशारा करते हुए पूछा, यह बच्चा आप ही का है… जी. इस संक्षिप्त उत्तर के बाद डॉक्टर ने अगला सवाल किया, कितना बड़ा है, जिस पर विवाहिता बोली, जी तीन माह का. डॉक्टर ने एक और प्रश्न उछाला, जब आपको बच्चा नहीं चाहिए था तो आपने परिवार नियोजन के किसी साधन को क्यों नहीं अपनाया? जी मुझे इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है, विवाहिता के इस उत्तर को सुनकर डॉक्टर ने उसे परिवार नियोजन काउंसलर से मिलने की सलाह दी.
परिवार नियोजन काउंसलर अंजू ने उसे परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उनमें से विवाहिता को त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा बेहद पसंद आया. गर्भपात के बाद उन्होंने अंतरा की पहली डोज लगवाई, उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, तब से लेकर आज तक वह हर तीसरे माह नियमित रूप से अंतरा इंजेक्शन लगवा रही हैं. यह सिलसिला बीते साढ़े चार सालों से अनवरत जारी है.
यह कहानी है शहर के तरीनपुर मोहल्ला की जय देवी की. जय देवी बताती हैं कि यह कहानी करीब साढ़े चार साल पहले शुरू हुई थी. उस वक्त मेरा बेटा तीन माह का था. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मैंने और मेरे पति ने निर्णय लिया कि हम लोग अभी दूसरा बच्चा नहीं करेंगे, लेकिन जानकारी के अभाव में हम लोग किसी प्रकार के परिवार नियोजन के साधन का उपयोग नहीं करते थे, जिसके चलते मैं गर्भवती हो गईं. परिवार की आर्थिक स्थिति और गोद में छोटा बच्चा ऐसे में गर्भवती होने पर हम पति-पत्नी चिंता में पड़ गए, फिर दोनों ने आपस में तय किया कि अभी उन्हें बच्चा नहीं चाहिए।पति के साथ गर्भपात कराने के लिए जिला महिला चिकित्सालय गईं, जहां पर डॉक्टर ने काउंसलिंग के लिए परिवार नियोजन काउंलर अंजू के पास भेजा.
अंजू ने पूरी बात सुनकर गर्भपात के बाद इस्तेमाल किए जाने वाले परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी, जिसमें से तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा के बारे में जब पता चला तो पहले थोड़ी हिचक हुई, लेकिन जब से इसे अपनाया है तब से अनचाहे गर्भ की चिंता नहीं रहती. गर्भपात के बाद मैंने अंतरा की पहली डोज लगवाई थी, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई, तब से लेकर आज तक हर तीसरे माह मैं नियमित रूप से अंतरा इंजेक्शन लगवा रही हूं.
क्या कहती हैं काउंसलर
जिला महिला अस्पताल की परिवार नियोजन काउंसलर अंजू ने बताया कि जय देवी ने अब तक अंतरा की 18 डोज लगवा चुकी हैं. इसके अलावा इन्होंने अन्य कई महिलाओं को भी अंतरा के लिए प्रेरित करने का काम किया है. वह बताती हैं कि अंतरा इंजेक्शन की एक डोज लगवाने के तीन माह तक गर्भधारण की चिंता से मुक्ति मिल जाती है. उन्होंने यह भी बताया कि अंतरा की हर एक डोज लगवाने पर लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के रूप में 100 रुपए मिलते हैं.
क्या कहते हैं नोडल अधिकारी
एसीएमओ व परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश चंद्रा ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन लगवाने से पहले डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है. इंजेक्शन लगने वाले स्थान पर मालिश व सिकाई न करें. जब बच्चा चाहते हैं तो अंतरा इंजेक्शन बंद करें. उसके सात से 10 महीने का समय लगता है. इस इंजेक्शन का प्रयोग नवविवाहित दंपति कर सकती हैं. प्रसव के छह सप्ताह बाद स्तनपान कराने वाली महिला तथा जो महिलाएं दो बच्चों में अंतर चाहती हैं. वह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं.