समाज के सर्वोन्मुखी विकास में पुस्तकालयों का महत्वपूर्ण योगदान :विनय पाल सिंह
सीतापुर : समाज के सर्वोन्मुखी विकास में पुस्तकालयों का महत्वपूर्ण योगदान है यह बात ओम प्रकाश सिंह स्मारक पुस्तकालय एवम वाचनालय पारवती विद्या मंदिर जूनियर हाई स्कूल कसमंडा के स्थापना दिवस पर वरिष्ठ शिक्षक विनय पाल सिंह ने कही उन्होंने कहा विश्व के महानतम विचार पुस्तकों में ही संकलित हैं पुस्तकालय ही एक ऐसा स्थान है जहां ज्ञान से परिपूर्ण पुस्तके व्यवस्थित रूप से पाठकों के लिए रखी जाती हैं.
उन्होंने कहा पुस्तकालय का महत्व देखते हुए शिक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने विद्यालय में पुस्तकालय खोलने का प्रस्ताव रखा था और उन्होंने अपने वेतन से एक लाख रुपये दिया था इसके बाद 12 दिसम्बर 2016 को पुस्तकालय की स्थापना हुई थी और फिर उनके प्रयास से जन सहयोग भी मिला. जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है.
प्रधानाध्यापक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा पुस्तकालय शिक्षा के प्रसार तथा सूचना के संचार का प्रभावशाली माध्यम है। शिक्षा एक अनवरत प्रक्रिया है पुस्तकालय एक सामाजिक संस्था है. यह समाज के स्वस्थ ,बौद्धिक विकास को सुनिश्चित करता है पुस्तकालयों का उद्देश्य पूर्णता सामाजिक है.
पुस्तकालय संस्थापक शिक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने कहा आप सभी के व्यक्तित्व के विस्तार में पुस्तकालय का योगदान अनुपम है. उन्होंने कहा जिस समाज में पुस्तकालय संस्कृत संपन्न होगा उसमें प्रजातांत्रिक मूल्य अधिक प्रखर होंगे. किसी ने सच ही कहा है कि समाज में अधिक संख्या में पुस्तकालय खोलकर पुलिस स्टेशनों की संख्या में कमी की जा सकती है।इसलिए आप लोग पुस्तकालय में रखी अच्छी पुस्तको व दैनिक समाचार पत्र को नियमित पढ़ा करो. स्थापना दिवस पर विधि विधान से सरस्वती माता का पूजन कर छात्रों को प्रसाद वितरित किया गया.
इस अवसर पर प्रधानाध्यापक अमरेंद्र प्रताप सिंह ,वरिष्ठ शिक्षक विनयपाल सिंह शिक्षक एवं पुस्तकालय संस्थापक सत्य प्रकाश सिंह, रवि प्रकाश सिंह, गिरिराज यादव, अंकित सिंह, नंदराम सहित विद्यालय के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे.