Surya Satta
सीतापुर

साधन सहकारी समिति दुगाना से नहीं मिली डीएपी तो धरने पर बैठे किसान

सीतापुर। सकरन ब्लॉक की ग्राम पंचायत दुगाना(Village Panchayat Dugana of Sakaran Block) के साधन सहकारी समिति(resource co-operative society) के गोदाम में डीएपी खाद होने के बावजूद जब किसानों को डीएपी खाद नहीं मिली तो वह गोदाम के सामने ही धरने पर बैठ गए.(If the farmers did not get the DAP fertilizer, they sat on a dharna in front of the warehouse)
 सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले धरने पर बैठे(Sitting on dharna under the banner of United Kisan Morcha) किसान सुधीर सिंह, नरेन्द्र कुमार, प्रताप भार्गव,अनूप, मनोज कुमार, विशुन कुमार, शिव बालक, सुरेंद्र यादव, जगदीश, अनिल, रामसरुप, होली राम, सुभाष, बिंदु कुमार, अशोक,राजू,सोने लाल, विनोद, रामखेलावन नंदराम,शिवरतन,राकेश, सुरेश, रामनिवास, छोटेलाल, रामशंकर,दिनेश,चन्द्र भाल, जगदीश शिवराम, महेश,रामकुमार, आदि ने बताया कि बीते शुक्रवार को दुगाना गांव की साधन सहकारी समिति पर एक ट्रक डीएपी खाद आई थी. डीएपी खाद पाने के लिए क्षेत्रीय किसान शनिवार की सुबह से ही गोदाम के चक्कर लगा रहे हैं.
साधन सहकारी समिति पर तैनात चपरासी अरुण कुमार के द्वारा किसानों के आधार की फोटो कॉपी लेकर ई पॉश मशीन पर उनकी फिंगर स्कैनिंग भी करा ली गई है. इसके बावजूद भी उन्हें डीएपी खाद नहीं दी जा रही है.वहीं चपरासी अरुण कुमार का कहना है कि साधन सहकारी समिति में खाद उपलब्ध नहीं है. जब उनसे किसानों के आधार और फिंगर स्कैनिंग किये जाने को लेकर बात की गई तो उसका कहना था कि ये पहले ही डीएपी ले जा चुके हैं. वही इस पूरे घटना क्रम को लेकर केन्द्र प्रभारी देशराज द्विवेदी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला.
 समिति पर डीएपी खाद उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को खाद न मिलने की सूचना पाकर सकरन के संयुक्त किसान मोर्चा के ब्लॉक अध्यक्ष सुशील राजबंशी अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंच गएऔर किसानों के साथ धरने पर बैठ गए. ब्लॉक अध्यक्ष सुशील राजवंशी ने बताया कि किसानों के द्वारा पता चला है कि दुगाना की एक निजी खाद की दुकान पर इफको की  12 सौ रुपए वाली बोरी 14 सौ रुपए में खुलेआम बेची जा रही है. धरने पर बैठे किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि जब तक किसानो को साधन सहकारी समिति से से डीएपी खाद नहीं मिलेगी, तब तक किसान धरने पर बैठे रहेंगे.

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