Surya Satta
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खत्म तुमको भी मैं, कर देता अब तक

साहित्य।

तुमको भी मैं, कर देता अब तक।
अगर प्यार सच्चा,नहीं होता तुमसे।।
बदनाम तुमको भी मैं, कर देता अब तक।
अगर चाहता नहीं मैं,तुमको सच्चे दिल से।।
खत्म तुमको भी मैं——————–।।

मुझसे तुमको है नफरत , जैसे दिल से इतनी।
मोहब्बत मुझको है तुमसे, इस दिल से उतनी।।
तुमको बर्बाद भी मैं, कर देता अब तक।
चाहता नहीं तेरी खुशियाँ, अगर मैं ऐसे।।
खत्म तुमको भी मैं——————–।।

यह कैसा है तुम्हारा, कर्म, पूजा और धरम।
करते हो मेरी बुराई, खुद पे कर इतना अहम।।
दाग तेरे दामन पर, लगा देता मैं अब तक।
होती नहीं मुझको अगर, शर्म दिल से ऐसे।।
खत्म तुमको भी मैं——————–।।

चमन आबाद तुम्हारा, किया है जो मैंने।
शराफत मेरी समझो,दी है खुशी जो मैंने।।
लगा भी देता मैं आग, तेरे घर में अब तक।
बनाता तुमको नहीं ख्वाब, अगर मैं सच्चे दिल से।।
खत्म तुमको भी मैं——————–।।

 

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

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