गर्भ समापन सरकारी अथवा पंजीकृत स्वास्थ्य केंद्रों पर ही कराएं: अर्चना
सीतापुर। चित्रांशु समाज कल्याण परिषद के तत्वाधान में साझा प्रयास नेटवर्क के माध्यम से खैराबाद ब्लॉक कार्यालय के सभागार में एक बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता बीडीओ चंद्रभान पांडेय ने की. बैठक में सुरक्षित गर्भ समापन, परिवार नियोजन व एमटीपी एक्ट संशोधन 2021 पर ग्राम पंचायत सचिव व सदस्यों का संवेदीकरण किया गया.
बैठक में साझा प्रयास की ट्रेनिंग एवं रिसर्च ऑफीसर अर्चना मिश्रा ने कहा कि गर्भ समापन के बाद इमोशनल साइड इफेक्ट्स कोई बड़ी बात नहीं है. प्रेग्नेंसी को खत्म करने का फैसला शायद ही किसी महिला के लिए आसान होता है. लेकिन प्रदेश की 85 प्रतिशत महिलाएं अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए आज भी दवाओं को प्रयोग करती हैं. इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. यही नहीं परिवार नियोजन यानी फैमिली प्लानिंग की जानकारी न होने की वजह से 49 प्रतिशत महिलाओं को गर्भ ठहर जाता है.
इनमें से 64 प्रतिशत महिलाएं गर्भपात करवाने की कोशिश करती हैं. एमटीपी एक्ट 2021 संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि वह गर्भ समापन सरकारी अस्पतालों अथवा पंजीकृत स्वास्थ्य केंद्रों पर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक से ही करवाएं. चिकित्सीय गर्भसमापन अधिनियम 2021 संशोधन के बारे में जानकारी देते हुए अर्चना मिश्रा ने कहा कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार यौन उत्पीड़न या बलात्कार की शिकार, नाबालिग अथवा गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव हो गया हो (विधवा हो गई हो या तलाक हो गया हो) या फिर गर्भस्थ शिशु असामान्य हो ऐसी स्थिति में महिला 24 सप्ताह की अवधि के अंदर गर्भपात करा सकती है.
उन्होंने यह भी बताया कि 20 सप्ताह तक के गर्भ समापन के लिए एक पंजीकृत चिकित्सक और 20 से 24 सप्ताह के गर्भ समापन के लिए दो पंजीकृत चिकित्सकों की राय आवश्यक होगी साथ ही अविवाहित महिलाएं भी गर्भनिरोधक साधनों की विफलता होने पर गर्भ समापन करा सकती हैं. बैठक में अपर खंड विकास अधिकारी जितेंद्र यादव उपस्थित रहे.