पूर्व सपा विधायक मनीष रावत सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में हुए सामिल
लखनऊ। यूपी में विधनासभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के 12 दिन पहले तक नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला जारी है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी के साथ ही समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनीष रावत अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
बीजेपी की रामप्रकाश गुप्ता की सरकार में राज्य मंत्री और बसपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा भदोही की औराई से विधायक हुआ करते थे. बीते दिनों वह भाजपा के नेताओं के साथ काफी सक्रिय थे. रंगनाथ मिश्र के साथ भदोही के उनके समर्थकों ने भी भाजपा की सदस्यता ली है.
रंगनाथ मिश्र के अलावा समाजवादी पार्टी से सीतापुर की विधानसभा सिधौली सीट से विधायक रहे मनीष रावत ने भी शनिवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है. सपा ने इस बार उनकी जगह पर बसपा से सपा में शामिल होने वाले हरगोविंद भार्गव को प्रत्याशी बनाया है.
समाजवादी पार्टी से टिकट कटने के बाद जनता के बीच में जाकर पूर्व विधायक मनीष रावत फूट-फूटकर रो पड़े थे. मनीष रावत ने सपा पर गंभीर आरोप लगाए,
मनीष रावत बोले कि आखिरकार पैसा जीत ही गया और सिधौली की जनता की मेहनत हार गई. समाजवादी पार्टी ने मनीष रावत की सास लखनऊ के मोहनलालगंज से पूर्व सांसद सुशीला सरोज को मलिहाबाद से प्रत्याशी बनाया है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने इन दोनों नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने के बाद मीडिया को भी संबोधित किया. स्वतंत्रदेव सिंह ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला, स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि सपा ने किसानों की प्रगति रुकवाई है. इनके शासनकाल में तो जनता बिजली पाने को तरसती थी. भाजपा जनकल्याण की बात करती है तो समाजवादी पार्टी गन की बात करती है.
सिधौली सीट से BJP से टिकट मंगने वालों की है लम्बी फेहरिस्त
भारतीय जनता पार्टी से अभी तक सिधौली विधान सभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है. भाजपा में सिधौली विधान सभा से टिकट मांगने वालों की लंबी फेहरिस्त है. जिसमें ब्लाक प्रमुख एवं पूर्व प्रत्याशी रामबक्श रावत, अवनीश रावत ,राहुल कुमार ,सुमन पाल , रमेश गौतम व पूरनमल गौतम प्रमुख हैं. अब भारतीय जनता पार्टी सिधौली विधानसभा से किसे टिकट देती है. यह मामला दिलचस्प हो गया है, मनीष रावत का सपा से टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों में उनके प्रति सहानुभूति भी बढ गयी है. क्षेत्र में उनके टिकट कटने के बाद आंसुओं के साथ वायरल हुए वीडियो की हर तरफ चर्चा हो रही है.
चतुर्थ चरण के चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया 27 जनवरी से तीन फरवरी तक चलेगी. इसके बाद चार फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. सात फरवरी को नामांकन वापस लेने के साथ ही चुनाव चिन्ह वितरण किया जाएगा. चतुर्थ चरण के विधान सभा चुनाव 23 फरवरी को होना है.