ओपीडी के पांच प्रतिशत मरीजों की होगी टीबी की जांच, क्षय रोगियों को खोजने का अभियान शुरू, दो माह तक चलेगी कवायद
सीतापुर। देश को वर्ष 2025 तक क्षय (टीबी) रोग से मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए-नए प्रयास हो रहे हैं. इसी क्रम में सरकार द्वारा एक और कदम उठाया गया है. जिसके बाद राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी रोगी खोजी अभियान का शुभारंभ किया गया है. बीती एक अगस्त से शुरू हुए इस अभियान का समापन 30 सितंबर को होगा. इस विशेष अभियान के दौरान जिला अस्पताल सहित सभी सीएससी व पीएचसी पर प्रतिदिन ओपीडी के पांच प्रतिशत मरीजों को टीबी की जांच के लिए नजदीक के माइक्रोस्कोपी सेंटर के लिए रेफर किया जाएगा.
इसके साथ ही सभी पात्र बच्चों को बीसीजी का टीका भी लगाया जाएगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए एसीएमओ व डीटीओ डॉ. सुरेंद्र कुमार शाही ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 में जिले में 13,300 टीबी के संभावित मरीजों को चिन्हित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिनमें से 26 जुलाई तक 7,538 मरीजों को चिन्हित भी किया जा चुका है. इस अभियान के दौरान निजी चिकित्सकों के साथ ही आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी चिकित्सक भी क्षय रोगियों को पीएचसी, सीएचसी जिला अस्पताल या क्षयरोग नियंत्रण केंद्र के लिए रेफर करेंगे. इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.
इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने विशेष गाइडलाइन जारी की है. डॉ. एसके शाही ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर) की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है.
दो सप्ताह से खांसी आने पर करें रेफर
डॉ. एसके शाही ने चिकित्सकों से कहा है कि यदि उनके क्लीनिक पर ऐसे लक्षण युक्त क्षय रोगी जिन्हें दो सप्ताह से लगातार खांसी आ रही हो, बुखार हो, पसीना लगातार आता हो, बलगम में खून आता हो और लगातार वजन घट रहा हो, उन्हें जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर जांच के लिए रेफर करें. इसके साथ ही ऐसे मरीजों के परिवार के सदस्यों व उसके संपर्क में रहने वाले लोगों की भी जांच की जाएगी. क्षय रोग की पुष्टि होने पर नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था है.
यह हैं टीबी के लक्षण
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष दीक्षित ने बताया कि टीबी के लक्षण जैसे कि दो हफ्ते या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना, वजन का घटना एवं भूख कम लगना, लगातार बुखार रहना, सीने में दर्द होने पर क्षय रोग केंद्र पर टीबी की जांच कराएं, उपचारित मरीज अपनी दवा बीच में ना छोड़े.