Surya Satta
सीतापुर

टीबी रोगी खोजें, 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि पाएं  

 

सीतापुर। अब अगर कोई गैर सरकारी व्यक्ति भी टीबी का नया रोगी खोजता है तो उसे सूचनादाता के रूप में 500 रुपये उनके खाते में दिए जाएंगे. यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. मुसाफिर यादव ने दी. उन्होंने बताया कि जुलाई में विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक अभियान के दौरान जो आशा कार्यकर्ता नया टीबी रोगी खोज रही हैं, उन्हें सूचनादाता के तौर पर 500 रुपये उनके खाते में दिए जाएंगे.

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के दौरान खोजे जा रहे मरीज

डीटीओ ने बताया कि एक जुलाई से 31 जुलाई तक के विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एवं 16 जुलाई से 31 जुलाई तक के प्रस्तावित दस्तक अभियान के दौरान क्षय रोगियों को भी ढूंढना है. आशा कार्यकर्ता लक्षण वाले संभावित क्षय रोगियों को ढूंढेंगी. ऐसे रोगियों की लिस्ट तैयार कर वह एएनएम को देंगी और ब्लॉक मुख्यालय को भी उपलब्ध कराएंगी. ऐसे संभावित रोगियों की टीबी जांच कराई जाएगी. जांच में अगर टीबी की पुष्टि ऐसे रोगी में होती है तो जिसको पहली बार यह बीमारी हुई है और जो पहले से निःक्षय पोर्टल पर दर्ज नहीं है तो रोगी को तुरंत पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा. ऐसे रोगी को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह की दर से पोषण के लिए खाते में दिये जाएंगे. इसके अलावा जिसकी सूचना के कारण रोगी की पहचान हुई है उसे भी 500 रुपये खाते में दिये जाएंगे.

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समंवयक आशीष दीक्षित ने बताया कि अभियान के दौरान यह भी दिशा-निर्देश है कि सांस के गंभीर रोगी (एसएआरआई) और निमोनिया के साथ खांसी के मरीज (आईएलआई) मिलते हैं तो उनकी लिस्ट तैयार करके कोविड जांच के साथ-साथ टीबी की जांच अवश्य करवाई जाए. उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि अभियान के दौरान जब अंग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता उनके घर टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी मांगें तो सही जानकारी दें. बीमारी को छिपाएं नहीं। टीबी रोगियों के इलाज में गोपनीयता बरती जाती है. लक्षणों के बावजूद अगर कोई बीमारी को छिपा रहा है तो इससे उसके परिवार में भी टीबी के प्रसार का खतरा रहता है. बीमारी छिपाने वालों का समय से इलाज शुरू नहीं हो पाता और टीबी खतरनाक रूप अख्तियार करने लगती है.

यह हैं टीबी के लक्षण

दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं. ऐसे में अगर खांसी का मरीज आता है तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए.

इन स्थितियों में कराएं जांच

अगर कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, फिर भी खांसी नहीं रूक रही है तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए. कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें.

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