Surya Satta
सीतापुर

फाइलेरिया रोगियों को हर दिन व्यायाम व सफाई की दी सलाह  

 

सीतापुर। फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन पर हरगांव ब्लॉक के मुद्रासन गांव में शुक्रवार एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ. यह आयोजन राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से हुआ. इस मौके पर मरीजों को मारबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिस्बिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट के जरिए घाव की नियमित सफाई के तरीके बताए गए। प्रशिक्षण में कुल 26 फाइलेरिया मरीज मौजूद रहे.

सीएचसी अधीक्षक डॉ. नीतेश वर्मा ने एमएमडीपी किट का प्रदर्शन करते हुए उसके प्रयोग और फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की साफ-सफाई के तरीकों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह लाइलाज बीमारी है, एक बार बीमारी हो जाने पर जिंदगी भर इसके साथ ही जीना पड़ता है. सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है.

इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है. वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा यानि माइक्रो फाइलेरिया को जन्म देता है. उन्होंने बताया कि मच्छरों से बचाव कर हम लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं. मच्छरों से बचने के लिए सभी को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा.

 

खुली नालियों में जल भराव होने पर उसमें मच्छर पनपते हैं. ऐसे में मच्छरों को नष्ट करने के लिए जल भराव वाले स्थानों में पूर्व में प्रयोग हुआ मोबिल ऑयल डाल दें. उन्होंने यह भी बताया कि यह बीमारी कभी खत्म नहीं होती है बस इसका रोकथाम और प्रबंधन किया जा सकता है. इस बीमारी में आपको दवा के साथ साथ व्यायाम भी बहुत आवश्यक है. नियमित व्यायाम से आप उतना ज्यादा अपनी सूजन को कम कर सकेंगे.
इस मौके पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एके श्रीवास्तव, सीफार की सुमन दीक्षित व अंशू मिश्रा सहित फाइलेरिया मरीज मंशाराम, चंपा देवी, पप्पी, शाहिल, भोलानाथ इमरान, सुनीता, मुनीश, मुन्नी देवी, दया रानी, अंजली, रामबेटी, मंजू, माया देवी आदि मौजूद रहीं.

क्या कहते हैं मरीज

शीतला मां फाइलेरिया नेटवर्क/रोगी सपोर्ट ग्रुप के धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त पैर की साफ-सफाई और पैर धोने व पोछने के बारे में जानकारी मिली है. मैं डॉक्टर के बताए अनुसार रोजना दिन में दो बार अपने पैरों की सफाई करूंगा. इसी ग्रुप के इकबाल हुसैन ने बताया कि आज की मीटिंग में बताया गया कि मच्छर काटने से फाइलेरिया होता है। अब मच्छरदानी लगाकर ही सोने से बचाव होगा.

 

घर के आसपास साफ सफाई रखकर हमें मच्छरों को पनपने नहीं देना है. इसके अलावा पूनम देवी का कहना है कि जिस तरह से आज साफ-सफाई और व्यायाम के बारे में बताया गया है. हम लोग आज से ही अपने पैर के साफ सफाई व व्यायाम करने पर ध्यान देंगे. इससे दर्द में और चलने में आराम तो मिलेगा. मुद्रा बाबा फाइलेरिया नेटवर्क/रोगी सपोर्ट ग्रुप की राजेश्वरी व किरन देवी का कहना है कि फाइलेरिया समूह से जुड़ने के बाद बहुुत जानकारी मिल रही है पहले हमें न तो बीमारी के बारें मे पता था न ही देखभाल के तरीके के बारे में पता था.

फाइलेरिया से बचाव की दवा खाना जरूरी

जिला मलेरिया अधिकारी राज कुमार सारस्वत ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण तुरंत नज़र नहीं आते हैं. इसके लक्षण आने में कई साल लग जाते हैं. इसलिए फाइलेरिया का बचाव ही इसका सफल उपचार है. इसके लिए जरूरी है कि साल में एक बार चलाये जाने वाले आईडीए/एमडीए राउंड के दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की खुराक खिलाई जाती है.

दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती व गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर हर किसी को यह दवा जरूर खानी चाहिए. यह दवा खाने से जिन लोगों में इस रोग के कृमि (माइक्रो फाइलेरिया) नहीं होते उन्हें कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. इसमें यह कृमि मौजूद होते हैं, उन्हें बुखार, खुजली, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं. इससे घबराने की बात नहीं है. कुछ ही देर में यह ठीक भी हो जाते हैं.

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