Surya Satta
खेती-बाड़ीसीतापुर

जैविक खाद के उपयोग से स्वस्थ फसलें उपजाएँ किसान: डॉ रामकुशल सिंह

सीतापुर। सेक्सरिया चीनी मिल बिसवां की ओर से सकरन क्षेत्र के कम्हरिया कटेसर गांव में आयोजित किसान गोष्ठी में किसानों को गन्ने की जैविक खेती के साथ सह फसली खेती करके अधिक लाभ पाने के लिए जागरुक किया गया.
 चीनी मिल के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सलाहकार डॉ. रामकुशल सिंह ने गोष्ठी में मौजूद किसानों से कहा कि वह देर से काटे गए धान, तोरिया, मसूर, मटर, व आलू की फसल से खाली खेत में जैविक विधि से गन्ने की बुवाई करें. खेत में मौजूद फसलों के अवशेष (जैविक कचरा) पर तरल ट्रायकोडरमा एक लीटर प्रति एकड़ एक हजार लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करने के बाद तुरंत खेत की जुताई करें. मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई कर कल्टीवेटर से मिट्टी भुरभुरी करने के साथ ही जैविक खाद 200 से 300 कुंटल प्रति एकड़ फैलाने के बाद पाटा लगाकर खेत समतल कर दें.
 खेत की भौगोलिक स्थिति के अनुसार गन्ने की उन्नत शील प्रजातियों का चयन करें. ऊंची जमीन के लिए कोशा 0238, कोशा 08272,को 0118 तथा जलभराव वाली जमीन पर को लख 94184 की बुवाई टेंच विधि से करें.
सहायक गन्ना महाप्रबंधक डॉ राजीव सिंह तोमर ने बताया कि ट्राइकोडर्मा के घोल में उपचारित गन्ना बीज के साथ आलू, मटर, उरद, चना, मूँग, मूंगफली और सब्जियों की सहफसली खेती से दोहरा लाभ पा सकते हैं. इस अवसर पर चीनी मिल के सहायक गन्ना प्रबंधक विमल मिश्रा के साथ गन्ना किसान रजनेश जायसवाल, दयाराम, ओमप्रकाश अभिषेक, श्याम सुंदर, कौशल, संदीप, छंगा, चेतराम, राम गोपाल, राम लखन, राजेंद्र, सुरेंद्र, दिनेश, बाँके सरदार, छोटा सरदार, अनुपम जयसवाल, संजय, वीरेंद्र, कौशल, राधे आदि बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

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