यूक्रेन से सकुशल अपने वतन लौटे फैज, परिजनों के चेहरों पर दिखी खुशी
सीतापुर। सीतापुर जनपद अन्तर्गत सिधौली तहसील क्षेत्र के गडिया हसनपुर निवासी मोहम्मद फ़ैज की यूक्रेन से सकुशल वापसी हो गई. परिवार भारत सरकार की तारीफ कर रहा है परिजनों के चेहरों पर उस समय खुशी की लहर दौड़ गई. जब उनके जिगरका टुकड़ा फैज जब घर पहुंचा. पिता सफी अहमद व मां के खुशी के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. वही फ़ैज ने युद्ध के दौरान कैसे अपने दिन काटे कहां कहां पर रहे और किस प्रकार भारत तक पहुंचे पूरी आप बीती उन्होंने अपनी जुबानी सुनाई.
फैज का हाल चाल लेने वालों शुभचिंतकों का दिन भर लगा रहा आना जाना
सिधौली कोतवाली क्षेत्र के गड़िया हसनपुर निवासी मास्टर सफी अहमद के घर पर सुबह से ही फैज का हाल चाल लेने वालों शुभचिंतकों आना जाना लगा रहा. फैज से बात करने पर उन्होंने बताया जब सरकार के द्वारा यूक्रेन में रह रहे छात्रों को जल्द से जल्द बार्डर पहुंचने के लिए कहा गया. पहले तो उन लोगों ने इसे बहुत ही गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब रूस और यूक्रेन के युद्ध गंभीरता से शुरू हो गया. तो सभी ने भारत वापसी का निर्णय लिया. हाथों में तिरंगा लेकर वह लोग अपनी यूनिवर्सिटी से 25 लोगों के ग्रुप के साथ निकल पड़े रास्ते में कुछ और साथी दल में जुड़ गए उनकी संख्या लगभग 50 से 70 के बीच में पहुंच गई. सभी छात्र हाथों में तिरंगा लेकर और भारत माता की जय वंदे मातरम आदि नारे लगाते हुए चल पड़े थे.
फिरोजी मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र फैज
जिससे उन्हें काफी सहूलियत एमिली बार्डर पर सरकार के द्वारा अच्छी व्यवस्था की गयी है. फैज ने आगे बताया कि यूक्रेन में सायरन की आवाज से लोग सिहर जाते हैं और बंकरों में घुस जाते हैं. फैज ने बताया कि वह फिरोजी मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं वहां पर उनके साथ दो हजार के करीब भारतीय छात्र पढ़ते थे. सभी छात्र वहां से निकल आए हैं उनके साथ पच्चीस से तीस छात्रों का ग्रुप वापस अपने वतन आ गया है. फैज ने बताया कि वह हंगरी बार्डर से हंगरी की राजधानी बुटापेस्ट पहुंचे वहां एक दिन रुक और फिर वह अपने वतन भारत पहुंचे. देर रात को अपने घर गडिया हसनपुर पहुंचे. फैज ने यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों से जल्द से जल्द बार्डर पहुंचकर अपने वतन लौटने की अपील की है.