आज भी आजाद भारत में सडक को तरसता एक मुहल्ला
संतोष विश्वकर्मा
प्रतापगढ : उत्तर प्रदेश की सरकारें आती जाती रही है लेकिन तागातार ऐसी समाचार आही जाती है जो सरकार की कथनी और करनी पर प्रश्न चिन्ह लगा देता है. ऐसी घटना ग्राम केवटली ब्लाक असपुर देवसरा तहशील पट्टी जिला प्रतापगढ़ से सामने आ रही है. जहाँ विश्वकर्मा समुदाय के स्व० भुलाई विश्वकर्मा, मानबोध विश्वकर्मा, जीबोध विश्वकर्मा के वंशजों को कई तरह की समाजिक अधिकार से वंचित होना प्रतित होता हैं.
3 पीढीयों से भूमि राजस्व विभाग की पंजीकृत जमीन संख्या 107 की मालगुजारी भी विश्वकर्मा परिवार भुगतान करता आ रहा है. लेकिन उक्त जमीन पर एक प्रभावशाली परिवार ने अपनी दावेदारी जता अवैध निर्माण कर लिया है तथा आवागमन का मार्ग भी बंद कर दिया है. वर्षा के दिनों या भवन निर्माण के समान या चिवित्सा हेतु मरीजों के आवगमन में परेशानी होती है तथा आते जाते लोगो को फब्तियाँ तथा धमिकीयाँ भी दी जाती है.
भू कार्यालय देवसारा के जमीन संख्या 107 का विवाद न्ययालय में लंबीत है तथा लगभग 15 परिवार ग्रामीण सड़क से बंचीत है. उन्हे अन्य कई तरह की परेशानियो का सामना करना पर रहा हैं.
इस संदर्भ में संतोष का कहना है कि कई बार स्थानीय लोगों द्वारा बैठकर निदान निकालने का प्रयास विफल हो चुका है.
इस बावत विश्वकर्मा बस्ती के लोगो ने न्यायालय मे भी गुहार लगायी और यह मामला न्यायालय के समक्ष विगत कई वर्षो से लंबित है.
न्य्यालय और समाजिक निराकरण में जुझता यह मामला इंसानियत और सरकारी व्यवस्थता पर एक तमाचा ही कहा जाएगा कि अजादि के 75 वर्ष गॉठ मनाने के बाद अभी भी कुछ लोग दैनिक जीवन भूत समस्याओं से जुझ रहे है जहाँ एक सडक तक नही मिल रहा है. सोचिए जब कोई बिमार पड़ता है तो उन्हे खटिया पर लाद कर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता हैं.