Surya Satta
उत्तर प्रदेशखेती-बाड़ीराष्ट्रीय

गेहूं की कटाई के बाद खेतों में करें ये 6 काम… बंजर जमीन भी उगलेगी सोना, खर्च भी होगा कम

Farming Tips : फरवरी महीने में आलू और गन्ने के खेत खाली हो चुके हैं. होली के बाद गेहूं और सरसों के खेत भी खाली हो जाएंगे. लगातार खेती करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है. ऐसे में किसान अपने खेतों में ये 6 प्रयोग कर सकते हैं.

फसल की कटाई के बाद बचाने वाले फसल अवशेष को खेत में ही निस्तारित करें. ऐसा करने से वायु प्रदूषण भी नहीं होगा इसके अलावा मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ेगी. जिससे किसानों को रासायनिक उर्वरकों का सहारा नहीं लेना होगा.

समय-समय पर किसानों को मिट्टी की जांच भी करानी चाहिए. मिट्टी की जांच करने से किसानों को पता चल जाता है कि उनके खेत में कौन से पोषक तत्व की कमी है. किसान मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं.

मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए किसान हरा खाद भी उगा सकते हैं. किसान हरी खाद को खेत में उगाकर उपजाऊ क्षमता बढ़ा सकते हैं. गेहूं की फसल की कटाई के बाद ढैचा की बुवाई कर दें. किसान मूंग या उड़द की भी बुवाई कर सकते हैं.

मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखने के लिए फसल चक्र अपनाना भी जरूरी है. किसानों को लगातार एक ही फसल की बुवाई नहीं करनी चाहिए. कभी दलहन, कभी तिलहन तो कभी अन्य फसलों की बुवाई भी करते रहना चाहिए. ऐसा करने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाएगी

गोबर की सड़ी हुई खाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए बेहद ही कारगर होता है. गोबर की खाद में सभी सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि एक उपजाऊ मिट्टी के लिए आवश्यक होते हैं. हर 6 महीने बाद किसानों को गोबर की सड़ी हुई खाद को मिट्टी में मिलाना चाहिए. अगर किसानों के पास वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध हो तो उसको भी मिट्टी में मिला सकते हैं.

Leave a Reply

You cannot copy content of this page