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सीतापुरस्वास्थ्य

टीबी मुक्त हुईं 10 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को डीएम करेंगे सम्मानित

गांधी जयंती (दो अक्टूबर) को जिलाधिकारी देंगे स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र

सीतापुर। बधाई हो, जिले की 10 ग्राम पंचायतों में टीबी का एक भी मरीज न होने से इन्हें टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है। इन सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों को जिलाधिकारी द्वारा आगामी गांधी जयंती (दो अक्टूबर) के मौके पर गांधी जी की कास्य रंग की प्रतिमा एवं प्रमाण-पत्र जारी कर बाकायदा टीबी मुक्त होने की विधिवत घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2025 तक देश को टीबी (क्षय) रोग से मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाया गया, जिसके तहत इन ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है।

सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि पंचायतों की टीबी मुक्ति की घोषणा से पहले कई मानकों की जांच की गई। इस क्रम में प्रति हजार आबादी पर 30 संम्भावित टीबी मरीजों की जांच, प्रति एक हजार की आबादी पर एक टीबी मरीज का पंजीकरण होने पर, कम से कम 60 फीसद मरीजों की ड्रग सेंस्टिवटी की जांच हो चुकी हो, पिछले वर्ष पंजीकृत कुल टीबी मरीजों में से 85 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हों, जैसे मानकों की जांच की गई।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज देशमणि ने बताया कि जिले में कुल 1601 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से 10 को टीबी मुक्त कर लिया गया है। हमारा प्रयास होगा कि हम इसी साल बाकी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त कर दें जो कि प्रधानमंत्री जी का उद्देश्य है। प्रधानमंत्री ने पिछले साल विश्व क्षय रोग दिवस पर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान के प्रथम चरण में जिले की 13 ग्राम पंचायतें चयनित हुई थीं। इन सभी का एक जिला स्तरीय तीन सदस्यीय वेलीडेशन कमेटी ने भौतिक सत्यापन किया। जिसके बाद 10 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त होने की सहमति कमेटी द्वारा की गई। इस कमेटी में सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी मानवेंद्र यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज देशमणि और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक आशीष दीक्षित शामिल रहे।

यह ग्राम सभाएं हुईं टीबी मुक्त

टीबी मुक्त होने वाली ग्राम पंचायतों में हरगांव की पीतपुर, कसमंडा की चौरिया, महमूदाबाद की नबीगंज, परसेंडी की उमरिया खानपुर, रामपुर मथुरा की सरैया मसूदपुर, सकरन की पचदेवरा, खैराबाद की सिपाह और परसेहरा कला तथा पहला ब्लॉक की दिल्ली-आगरा और कंडारी शामिल हैं।

यह हैं टीबी के लक्षण

 

दो हफ्ते या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना, वजन का घटना एवं भूख कम लगना, लगातार बुखार रहना, रात में पसीना आना, सीने में दर्द होना टीबी के लक्षण हैं। यह लक्षण होने पर मरीज को क्षय रोग केंद्र पर टीबी की जांच करानी चाहिए।

टीबी से बचने को करें मास्क का प्रयोग

टीबी की बीमारी जीवाणु से होती है। यह अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है। हालांकि टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। यह हवा के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसलिए यदि टीबी रोगी के संपर्क में कोई व्यक्ति आए तो वह मास्क का प्रयोग करे। एक क्षय रोगी यदि मास्क का प्रयोग करता है तो वह 10 से 12 लोगों को संक्रमण से बचा सकता है।

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