महाकुम्भ को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार का सीएम ने दिया सिलसिलेवार जवाब
लखनऊ, 19 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान महाकुम्भ 2025 के दिव्य-भव्य आयोजन और पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए कुम्भ 2013 की अव्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान आयोजित हुए कुम्भ 2013 में हुए भ्रष्टाचार और अव्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि 2013 का कुम्भ प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्था का शिकार था, जबकि 2025 का महाकुम्भ बेहतर सुविधाओं और सुनियोजित व्यवस्था के साथ आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग 2013 में हुई अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार थे, वे आज महाकुम्भ 2025 की आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 में प्रयाग स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद प्रदेश के तत्कालीन मुखिया केद्र सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे। केंद्र सरकार से इन्हें पैसा भी नहीं मिल रहा था और जो पैसे खर्च किये गये उनमें बेहिसाब भ्रष्टाचार हुआ। मुख्यमंत्री ने 2014 की कैग की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया।
महाकुम्भ 2025 बनाम कुम्भ 2013
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 और 2025 के आयोजन की तुलना करते हुए कहा कि कुम्भ की अवधि धार्मिक दृष्टिकोण से निर्धारित होती है और इस बार 45 दिन का आयोजन किया जा रहा है, जबकि 2013 में यह 55 दिनों का था। 2013 में कुम्भ का क्षेत्रफल मात्र 1936 हेक्टेयर (5000 एकड़ से भी कम) था, जबकि इस बार यह 10,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2013 में कुल 14 सेक्टर बनाए गए थे, जबकि 2025 में इनकी संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है। पार्किंग क्षेत्र में भी बड़ा सुधार किया गया है, 2013 में 635 हेक्टेयर में पार्किंग व्यवस्था थी, जबकि इस बार इसे 1850 हेक्टेयर तक विस्तारित किया गया है, जिसमें 6 लाख से अधिक चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग क्षेत्र उपलब्ध हो सका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में प्रयागराज में कोई पक्का घाट, रिवर फ्रंट या आरओबी नहीं था, जबकि 2019 में 9 आरओबी और 6 अंडरपास बनाए गए। 2025 के आयोजन के लिए 14 फ्लाईओवर, 9 पक्के घाट और 7 रिवर फ्रंट तैयार किए गए हैं। अस्थायी घाटों की लंबाई 2013 में मात्र 4 किलोमीटर थी, जिसे 2025 में बढ़ाकर 12 किलोमीटर कर दिया गया है।
यातायात और परिवहन सुविधाओं में किया गया बड़ा सुधार
सीएम योगी ने बताया कि 2013 में श्रद्धालुओं के लिए शटल बसों की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि इस बार 550 शटल बसें तैनात की गई हैं। रोडवेज बसों की संख्या 2300 से बढ़ाकर 7000 कर दी गई है। प्रयागराज में बस स्टैंड भी 3 से बढ़ाकर 7 कर दिए गए हैं। सड़क चौड़ीकरण की दिशा में भी बड़ा कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि 2013 में केवल 55 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण हुआ था, जबकि 2019 में 125 सड़कें 2 से 4 लेन और 4 से 6 लेन की गईं। 2025 में 200 से अधिक सड़कों को चौड़ा किया गया है।
गंगा और यमुना की स्वच्छता पर दिया गया विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने 2013 के दौरान गंगा और यमुना की गंदगी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय स्थिति इतनी खराब थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने गंगा में डुबकी लगाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस बार 81 नालों को टेप कर 261 एमएलडी सीवर के ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है। जनवरी और फरवरी माह में संगम नोज पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक के अनुरूप पाई गई हैं, जोकि ढाई हजार एमपीएन प्रति 100 एमएल से कम है। ये यूपी पॉल्यूशन बोर्ड की रिपोर्ट है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में भी इसे मानक के अनुरूप पाया है। उन्होंने बताया कि यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड लगातार जल की गुणवत्ता की मॉनीटरिंग कर रहा है और ताजा रिपोर्ट के अनुसार, संगम का जल अब स्नान और आचमन दोनों के योग्य …