नंगे पैर स्कूल जाते थे बच्चे, आज पाठ्य सामग्री लेकर गणवेश में आते हैं स्कूल: मुख्यमंत्री
सफलता के लिए बच्चों में हो स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, घातक है अतिरिक्त दबाव: मुख्यमंत्री
पौने छह साल में 60 लाख नए बच्चों ने लिया बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में दाखिला: मुख्यमंत्री
बेसिक स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प को मुख्यमंत्री ने सराहा, जनसहभागिता को बताया अहम कारक
मोदी सर की क्लास ‘परीक्षा पर चर्चा’ में बच्चों के साथ मुख्यमंत्री योगी भी हुए शामिल, बढ़ाया बच्चों का हौसला
विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने दिया विद्या समीक्षा केंद्र, ‘निपुण भारत’ मिशन को मिलेगी गति
विभिन्न माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं के 1698 मेधावियों का हुआ सम्मान, ₹1लाख की धनराशि व टैबलेट देकर बढ़ाया हौसला
यूपी में अगले वर्ष तक होंगे 05 सैनिक स्कूल
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को भेंट की प्रधानमंत्री मोदी लिखित पुस्तक एक्जाम वॉरियर
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की बेहतरी के लिए ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि 2017 के पहले विद्यालयों में बच्चे नंगे पैर, बिना शर्ट के आने को मजबूर थे, आज विधिवत गणवेश पहन कर बस्ते में कॉपी-किताब लेकर स्कूल आते हैं. जनसहभागिता और अंतर्विभागीय समन्वय से स्कूलों में अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाई गईं, पाठ्यक्रम बेहतर हुआ, जिसका नतीजा है कि तब स्कूलों में बच्चे नहीं थे और अब बीते पौने छह साल में 60 लाख से ज्यादा नए बच्चों ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में दाखिला लिया. मुख्यमंत्री ने कहा है कि ‘निपुण भारत मिशन’ जैसे अभिनव प्रयासों से प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य में और बदलाव की मुहिम को तेज होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय वार्षिक संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पर चर्चा’ के दौरान स्कूली बच्चों से संवाद कर रहे थे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जनपदों में स्कूली बच्चों को जोड़ने की व्यवस्था की गई थी. इसी क्रम में लखनऊ स्थित कैप्टन मनोज कुमार पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों के साथ मुख्यमंत्री की उपस्थिति रही. इस दौरान 10वीं-12वीं की परीक्षा देने जा रहे बच्चों के अभिभावकों और विद्यालय प्रबंधन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना यह अच्छी बात है, लेकिन किसी बच्चे को इसके लिए बाध्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि जिस बच्चे की जितनी शारीरिक व बौद्धिक विकास की क्षमता होगी, वह उसका परिणाम दे देगा. अच्छे अंक के लिए बच्चों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो, न कि उन पर दबाव बनाया जाए। यह घातक है. अक्सर, दबाव से उपजे तनाव के कारण बच्चे परीक्षा के दौरान अपना सामान्य प्रदर्शन भी नहीं कर पाते.
बालिका शिक्षा पर है सरकार का फोकस, जन्म से आत्मनिर्भर होने तक सरकार दे रही प्रोत्साहन
खास मौके पर मुख्यमंत्री ने 2021-22 में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले मेधावियों को सम्मानित भी किया। विभिन्न माध्यमिक बोर्डों के होनहार विद्यार्थियों को ₹1 लाख की धनराशि, टैबलेट, प्रशस्ति पत्र और प्रधानमंत्री मोदी लिखित पुस्तक ‘एक्जाम वॉरियर’ देकर सम्मानित किया गया. मेधावियों की प्रतिभा की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन 1698 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है, इनमें से 825 बालक और 873 बालिकाएं हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न परीक्षाओं के हालिया परिणाम बालिकाओं की रचनात्मकता को दर्शाते हैं. राज्य सरकार बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है. स्नातक तक कि शिक्षा निःशुल्क है तो बालिका के जन्म से आत्मनिर्भर होने तक के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमङ्गला योजना के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जा रहा है. कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल के ऐतिहासिकता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश का पहला सैनिक स्कूल है. इसकी स्थापना के बाद देश में सैनिक स्कूलों की शृंखला बननी शुरू हुई, अगले वर्ष तक उत्तर प्रदेश में 05 सैनिक स्कूल हो जाएंगे.
कार्यक्रम स्थल पर बेसिक शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान से सम्बन्धित विभिन्न मॉडलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा विद्यार्थियों से उनके मॉडलों में बारे में जानकारी ली.
स्कूल की गतिविधियों की होगी सीधी निगरानी
मुख्यमंत्री जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में प्रणालीगत शिक्षा के क्षेत्र में श्रृंखला में आज एक नए आयाम का शुभारम्भ करते हुये विद्या समीक्षा केंद्र का उद्घाटन किया गया. विद्या समीक्षा केंद्र मध्याह्न भोजन प्राधिकरण कार्यालय में स्थापित किया गया है. यह 60 सीटर कॉल सेंटर है, जिसमें 18 स्क्रीन लगाई गई हैं, जिसके माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए डैशबोर्ड प्रदर्शित किया जा रहा है. इसके अंतर्गत मध्याह्न भोजन मॉड्यूल, कायाकल्प मॉड्यूल, प्रेरणा गुणवत्ता मॉड्यूल, निरीक्षण मॉड्यूल, निपुण असेसमेंट टेस्ट मॉड्यूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मॉड्यूल तथा ऐक्टिविटी मॉड्यूल संचालित हैं. प्रत्येक त्रैमास सभी छात्रों का सरल एप के माध्यम से निपुण असेसमेंट टेस्ट आयोजित किया जाएगा. निपुण असेसमेंट टेस्ट से प्राप्त डाटा का एनेलिसिस कर सभी छात्रों एवं अभिभावकों को रिपोर्ट कार्ड प्रेषित किया जाएगा. डायट प्रशिक्षु एवं मेंटर द्वारा निपुण लक्ष्य ऐप पर सैम्पल व स्पॉट असेसमेंट से प्राप्त डेटा का अध्ययन किया जाएगा. विद्या समीक्षा केंद्र में छात्र चैटबॉट एवं शिक्षक चैटबॉट के डाटा का भी विश्लेषण किया जाएगा.
इन होनहारों का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्तरीय 149 मेधावी विद्यार्थियों में से माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल से प्रिंस पटेल, इंटरमीडिएट से कु. दिव्या, माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की पूर्व मध्यमा परीक्षा से विनोद कुमार, उत्तर मध्यमा से कु. प्रीति चौहान, काउंसिल फार दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन्स, नई दिल्ली की हाईस्कूल परीक्षा के लिए अनिका गुप्ता, इंटरमीडिएट से अनन्या अग्रवाल तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल परीक्षा से कु. युवाक्षी विज, इण्टरमीडिएट से दिया नामदेव सहित के कुल 08 मेधावी विद्यार्थियों को मंच पर आमंत्रित कर एक लाख रूपये, एक टैबलेट, मेडल कैप एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर तथा उनके माता एवं पिता को शॉल एवं पगड़ी से सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में राज्य स्तर पर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में माध्यमिक शिक्षा परिषद्, प्रयागराज के प्रथम दस स्थान प्राप्त करने वाले 57, उ.प्र. माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, लखनऊ के प्रथम दस स्थान प्राप्त करने वाले 24, काउंसिल फार दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन्स, नई दिल्ली के 10 सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 35 व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के 10 सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 33 मेधावी छात्र/छात्राओं (कुल 149) को एक लाख रूपये, टैबलेट, मेडल, कैप एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर तथा उनके माता एवं पिता को शॉल एवं पगड़ी से सम्मानित किया गया.
इसके अलावा, जनपद स्तर पर प्रभारी मंत्री/जनप्रतिनिधि/जिलाधिकारी की उपस्थिति में माध्यमिक शिक्षा परिषद्, प्रयागराज की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में 10 सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले कुल 1549 मेधावी विद्यार्थियों को ₹21 हजार की धनराशि, टैबलेट, मेडल, कैप व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.