दो साल तक के बच्चों और गर्भवती का होगा टीकाकरण: डीएम
श्रावस्ती। मिशन इंद्रधनुष के शुभारंभ मौके पर सोमवार को जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने एक बच्चे को पाेलियो प्रतिरक्षण की खुराक पिलाई. इसी के साथ मिशन इंद्रधनुष के पहले चरण का शुभारंभ हो गया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष अभियान जिले में तीन चरणों में चलाया जाएगा. पहले चरण का 7 मार्च को शुभारंभ हो गया है जो 15 मार्च तक चलेगा. वही दूसरा चरण 4 अप्रैल और तीसरा चरण 2 मई को शुरू होगा. इस बीच जिले में 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती का नियमित टीकाकरण किया जाएगा.
एसीएमओ डॉ. एपी भार्गव ने बताया कि इस अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दो वर्ष की उम्र तक के 4,973 बच्चों एवं 1,961 गर्भवती को टीका लगाकर विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित किया जा रहा है. अभियान की सफलता के लिए 912 टीम गठित की गईं हैं जो कि 912 सत्रों के माध्यम से टीकाकरण करेंगी. उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत दो साल की उम्र तक के बच्चों को नौ जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पोलियो, टीबी, गलाघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, हैपैटाइटिस बी, जापानीज इंसेफेलाइटिस, खसरा और हीमोफिलस इंफ्लयूंजा बीमारियों से बचाने के लिय वैक्सीन लगाई जा रही है. इस अभियान के दौरान ओपीवी, बीसीजी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटाविन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी, पीसीवी के टीके लगाए जाएंगे.
एसीएमओ एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. मुकेश मातन हेलिया ने बताया कि जहां पर छूटे बच्चे अथवा परिवार हों, वह लोग अपनी आशा और आंगनबाड़ी से संपर्क कर लें, जिस दिन गांव में टीम आए उस दिन वह नियत स्थान पर पहुंच कर टीका लगवा लें. उन्होंने कहा कि पेंटावेलेंट वैक्सीन लगने से किसी-किसी को बुखार आ सकता है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, आशा, एएनएम अथवा स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें. उन्होंने आमजन से यह भी अपील की है कि जब भी उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचे तो वह टीकाकरण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. ऐसे में लोग एक-दूसरे के मध्य शारीरिक दूरी रखें और अपने मुंह व नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढक कर रखें.