परिक्रमार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे रथ, एक में भगवान राम दरबार दूसरे में महर्षि दाधीच तो तीसरे में वेद व्यास की प्रतिमाएं विराजमान
सीतापुर। 84 कोसी परिक्रमा मेला अपने प्रथम पड़ाव कोरोना पहुंच चुका है यहां लाखों की संख्या में साधु-संत व श्रद्धालुओं ने अपना अपना डेरा डाल दिया है इस बार परिक्रमा में व्यास पीठ के पीठाधीश्वर अनिल कुमार शास्त्री अपने तीन दिव्य रथों के साथ परिक्रमा में शामिल हुए हैं उनके रथ परिक्रमार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे एक रथ में भगवान राम दरबार दूसरे रथ में महर्षि दाधीच तो तीसरे रथ में भगवान वेद व्यास की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं विराजमान है जिनके दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
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मीडिया से बात करते हुए अनिल कुमार शास्त्री ने बताया कि 84 कोस की परिक्रमा सतयुग से होती चली आई है सर्वप्रथम इस परिक्रमा को महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थि दान करने से पहले किया था उसके बाद भगवान राम ने अपने पूरे दल के साथ नैमिष की 84 कोसी परिक्रमा की थी तब से इसका नाम राम दल पड़ गया धरती पर जितने भी तीर्थ हैं वह समस्त तीर्थ चौरासी कोस में विराजमान है सरकार को उनकी खोज कर कर उन्हें मूर्त रूप देना चाहिए ताकि श्रद्धालु आज भी उन सभी तीर्थ का दर्शन का लाभ उठा सकें।