Surya Satta
श्रावस्ती

कैंसर सर्वाइवर्स ने दिया बाल कैंसर के इलाज का संदेश  

 

श्रावस्ती। गुड्डा-गुड़िया से खेलने वाली उम्र में कैंसर जैसी बीमारी को मात देने वाले बच्चे अब कैंसर सर्वाइवर बन चुके हैं. ऐसे ही दो बच्चों ने इकौना सीएचसी और जेतवन इंटर कॉलेज पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में इन बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए इस बीमारी की भयावहता और इलाज के संदेश दिए. कार्यक्रम का आयोजन कैनकिड्स किड्सकैन संस्था के तत्वावधान में किया गया.

कैंसर सर्वाइवर बन चुके साना और नीरज ने कार्यक्रम में मौजूद दो सौ से अधिक बच्चों को बाल कैंसर की जानकारी देते हुए संदेश दिया कि बच्चों को कैंसर से बचाने के लिए इसकी शीघ्र पहचान और समय रहते सही जगह से इलाज करवाना आवश्यक है. बाल कैंसर से पीड़ित बच्चों को संस्था के जरिये निःशुल्क इलाज की सुविधा भी दी जा रही है. इस मौके पर संस्था की देखरेख में एक कार रैली भी निकाली गई, जिसके माध्यम से इन सर्वाइवर्स बच्चों ने लोगों को जागरूक किया. सर्वाइवर्स की टीम ने ही नुक्कड़ नाटक के जरिये बीमारी की भयावहता के बारे में जानकारी दी.

संस्था की स्टेट लीड डॉ. योगिता भाटिया ने बताया कि सितंबर माह, बाल कैंसर के प्रति जनजागरूकता का एक अन्तर्राष्ट्रीय माह है. इस माह में कैनकिड्स संस्था द्वारा “कैंसर से पीड़ित बच्चों को जीवित रहना चाहिए और पनपना चाहिए, प्रारंभिक निदान जीवन बचाता है” अभियान चलाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुए पैनल डिस्कस में यह तय किया गया कि कैंसर पीड़ित बच्चों को दोनों संस्थान मदद करेंगे और उन्हें सही इलाज की राह दिखाते हुए कैनकिड्स से जोड़ेंगे. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि इन संस्थानों में भी बाल कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

संस्था की समन्वयक सुगंधा ने बताया कि अगर किसी भी परिवार में बच्चा कैंसर से पीड़ित है तो मदद के लिए अभिभावक संस्था के हेल्पलाइन नंबर 9811284806 पर संपर्क कर सकते हैं. संस्था कैंसर केंद्रों के साथ लगातार सहयोग करके, जरूरतों की पहचान करके और फंडिंग सहायता के माध्यम से अंतराल को भरने, सामाजिक सहायता कार्यकर्ताओं को प्रदान करने, क्षमताओं को बढ़ाने और गुणवत्ता देखभाल, अनुसंधान और प्रभाव मूल्यांकन को प्रोत्साहित करके उपचार और देखभाल मानकों को बढ़ावा देती है.

सीएमओ डॉ. शारदा प्रसाद तिवारी ने बताया कि समय रहते बाल कैंसर को पकड़ लेने से इसका इलाज भी संभव है। मगर फिर भी कैंसर के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में विश्वभर के बच्चों में होने वाले कुल कैंसर के करीब 25 प्रतिशत मामले देखने को मिल रहे हैं. इसे रोकने के लिए हर किसी को इसके बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है.

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