Surya Satta
सीतापुर

किशोर-किशोरियों के सच्चे साथी बन सही राह दिखा रहे साथिया केंद्र 

श्रावस्ती। जिन पावन उद्देश्यों को लेकर साथिया केंद्रों की स्थापना की गई थी, वह अब परवान चढ़ रहें हैं। बीते एक साल में जिले के दो साथियों केंद्रों पर 6,621 किशोर-किशोरियों ने अपनी समस्याओं, शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान पाया है.
 इसके अलावा साथिया केंद्र के काउंसलर द्वारा 17,774 किशोर-किशोरियाें की जिले के अलग-अलग स्थानों पर काउंसलिंग की गई है. किशोरावस्था (10 -19 वर्ष) में शारीरिक एवं मानसिक बदलाव तेजी से होते हैं. इस दौरान किशोर/किशोरियों की समस्याओं में विभिन्नता के साथ-साथ जोखिम भी अलग-अलग होते हैं.
एक विवाहित अथवा अविवाहित, स्कूल जाने वाले तथा न जाने वाले , ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के किशोर/किशोरियों की यौन विषय पर जानकारी भी अलग-अलग होती है. इन्हीं उलझनों को सुलझाने के लिए उन्हें एक सच्चे साथी की जरुरत महसूस होती है. हालांकि वह इन विषयों की गोपनीयता भंग होने के डर से किसी से चर्चा करने से भी कतराते हैं.  इसका परिणाम होता है कि वह ऐसी गतिविधियों अथवा आदतों के शिकार हो जाते हैं जो उनके जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के नोडल अफसर और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संत कुमार का कहना है कि किशोरावस्था में शारीरिक व मानसिक बदलाव तेजी से होते हैं. इस उम्र में किशोर और किशोरियां यौन, मानसिक तथा व्यावहारिक रूप से परिपक्व होने लगते हैं. ऐसे में उनके सामने ऐसे तमाम अनसुलझे सवाल, शंकाएं और जिज्ञासाएं होती हैं.
प्रदेश सरकार का भी किशोर-किशोरियों को इन सारे मुद्दों पर सटीक और पूरी तरह से सही-सही जानकारी मुहैया कराने पर पूरा जोर है. इसी को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी स्तर पर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत साथिया केंद्र की स्थापना की गई है. इन केंद्रों पर प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा किशोर-किशोरियों की शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान तो किया ही जा रहा है, साथ ही उन्हें पोषण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, चोट और हिंसा को रोकने और मादक पदार्थों के दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। डॉ. संत कुमार ने बताया कि जिले के जिन सीएचसी पर काउंसलर की तैनाती नहीं है, वहां पर काउंसलर की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है.

24,395 को मिली सेवाएं

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला कार्यक्रम समंवयक बबीता बाजपेयी बताती हैं कि बीते एक साल में कुल 24,395 किशोर-किशोरियों को सेवाएं दी गई हैं. वह बताती हैं कि वर्तमान में जिले में कुल दो साथिया केंद्र क्रियाशील हैं. इन केंद्रों पर जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक कुल 6,621 किशोर-किशोरियों ने अपना पंजीकरण करा कर सलाह ली है. जिनमें से 1117 ने यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया है. इसके अलावा 115 किशोर-किशोरियों ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की तो 3,065 ने पोषण संबंधी जानकारी प्राप्त की है.
 667 ने गैर संचारी रोगों और 264 ने गैर संचारी रोगों को लेकर अपनी शंकाओं का समाधान पाया है. इसके अलावा 1,323 किशोर-किशोरियों को चिकित्सीय परामर्श हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास रेफर किया गया है. इसके अलावा संयुक्त जिला चिकित्सालय और इकौना सीएचसी के काउंसलर द्वारा आउटरीच सत्राें का आयोजन कर 17,774 किशोर-किशोरियों को भी जानकारी देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया है. वह बताती है कि किसी भी कार्य दिवस में साथिया केंद्र पर ओपीडी के समय आकर कोई भी किशोर अपनी समस्याओं को काउंसलर के साथ साझा कर सकता है.

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