परिवार नियोजन में मील का पत्थर बना अंतरा इंजेक्शन
श्रावस्ती : परिवार नियोजन को अपनाने के लिए जिले की महिलाएं आगे आ रहीं हैं। बीते तीन सालों के आंकड़े बताते हैं कि परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों में महिलाओं ने गर्भ निरोधक तिमाही इंजेक्शन अंतरा के प्रति अपनी दिलचस्पी दिखाई है। यह इंजेक्शन किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर लगवाया जा सकता है। सीएमओ डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अनचाहे गर्भ से बचने और दो बच्चों के बीच में अंतर रखने के लिए गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा प्रति तीन माह के अंतर पर लगाया जाता है। इसे माहवारी आने के एक सप्ताह के अंदर और प्रसव होने के छह सप्ताह बाद ही लगाया जाता है। गर्भवती को यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। इसकी एक डोज लगवाने से तीन माह तक गर्भधारण की चिंता से मुक्ति मिल जाती है। इसकी हर एक डोज लगवाने पर लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक सौ रुपया मिलता है।
यूं बढ़ रहा अंतरा का ग्राफ
वित्तीय वर्ष — कुल लगे अंतरा
2022-23 — 10,775
2021-22 — 5,567
2020-21 — 3,025
यह आंकड़े भी दे रहें गवाही
वर्ष 2020-21 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2019-21 में 49.6 प्रतिशत महिलाएं परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन को अपना रहीं थीं, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 8.4 ही था। वर्ष 2019-21 में 4.4 प्रतिशत विवाहिताएं आईयूसीडी को अपना रहीं थी, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 0.5 ही था। वर्ष 2019-21 में दो प्रतिशत विवाहिताएं आईयूसीडी को अपना रहीं थी, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 0.3 ही था। इसी तरह वर्ष वर्ष 2019-21 में 8.3 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधक खाने की गोलियों का प्रयोग करने लगी थीं, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 1.2 ही था। इसी तरह एनएफएचएस-5 के अनुसार वर्ष 2019-21 में 6.1 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी करा रहीं थीं, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा महज 4.1 प्रतिशत ही था।
यहां से लें जानकारी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश गुप्ता ने बताया कि लक्षित दंपति को परिवार नियोजन की जानकारी देने और उसके साधनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के बारे में जागरूक करने के लिए हर माह की 21 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक गुरुवार को अंतराल दिवस का भी आयोजन किया जाता है। इन मौकों पर लाभार्थियों की शादी के दाे साल बाद ही गर्भधारण की योजना बनाने के बारे में काउंसलिंग की जाती है, और बास्केट ऑफ च्वाइस की जानकारी देते हुए परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के बारे में बताया जाता है।