एएनएम अब और दक्ष होकर कर सकेंगी काम
सीतापुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सूबे के 17 मंडलों के 35 जिलों में एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों का शुभारंभ किया. जिनमें सीतापुर जिला भी शामिल है. वर्चुअल हुए इस शुभारंभ का सजीव प्रसारण सभी जिलों में दिखाया गया. इसके लिए एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों पर खास व्यवस्थाएं की गई थीं. एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में सभी प्रशिक्षणार्थियों को यह सजीव प्रसारण दिखाया गया.
सीएम ने सीएमओ से जानी जिले की हकीकत
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सीएमओ डॉ. मधु गैरोला से बातचीत कर एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्थाओं की भी जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री ने सीएमओ से जानना चाहा कि क्या सीतापुर में एएनएम टीसी का शुभारंभ हो गया है, और वहां क्लास रूम, लैब और लाइब्रेरी की क्या व्यवस्था है, जिस पर सीएमओ ने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ हो गया है और यहां पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त क्लास रूम, लैब और लाइब्रेरी की भी व्यवस्था कर ली गई है. मुख्यमंत्री ने यह भी जानना चाहा कि सीतापुर के एएनएम टीसी में कितनी सीटें हैं और कितने प्रवेश हो चुके हैं, जिस पर सीएमओ ने बताया कि यहां पर 50 सीटें हैं, जिसमें से 38 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रवेश भी ले लिया है, शेष के प्रवेश होने हैं.
मुख्यमंत्री ने यह भी जानना चाहा कि फैकल्टी की क्या व्यवस्था है, जिस पर सीएमओ ने बताया कि पांच ट्यूटर ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। सजीव प्रसारण के बाद जिलाधिकारी अनुज सिंह ने क्लास रूम, लैब, लाइब्रेरी और हॉस्टल का निरीक्षण किया. इस मौके पर एएनएम ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी और एसीएमओ डॉ. एसके शाही, एसीएमओ डॉ. पीके सिंह, डॉ. राजीव गिरी, डॉ. उदय प्रताप, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम समंवयक सुजीत वर्मा, डीसीपीएम रिजवान मलिक, एएनएम टीसी की प्रभारी प्राचार्य नमिता सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे.
एएनएम ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी और एसीएमओ डॉ. एसके शाही ने बताया कि जिले का एएनएम टीसी कई दशक पुराना है। पिछले कई सालों से इस केंद्र पर एएनएम का कोई भी बैच प्रशिक्षण के लिए नहीं आया। लेकिन इस साल बैच आने के बाद इस केंद्र का एक बार फिर से संचालन शुरू किया गया है. अब इस केंद्र पर इसी सत्र से दो वर्षीय एएनएम प्रशिक्षण शुरू होगा.
इस केंद्र पर एक सौ प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। इस प्रशिक्षण केंद्र पर प्रशिक्षणार्थियों को रहने के साथ ही अन्य कई तरह की नि:शुल्क सुविधाएं मिलेगी. प्रशिक्षणार्थियों को यहां पर मेस में भोजन की भी व्यवस्था है, लेकिन इसका उन्हें भुगतान करना होगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम समंवयक सुजीत वर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं व बच्चों की देखभाल के साथ टीकाकरण, जांच, संस्थागत प्रसव व अन्य सहायता के लिए एएनएम (आक्सीलिएरी नर्स मिडवाइफ) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हैं. एएनएम ट्रेनिंग सेंटर के पुन: शुरू होने से स्वास्थ्य विभाग को लाभ होगा. साथ ही एएनएम दक्ष होकर स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन काम कर सकेंगी.
एएनएम के कार्य
एएमएन प्रत्येक बुधवार-शनिवार को सब सेंटरों पर पहुंचकर गर्भवतियों व शिशुओं को स्वास्थ्य से जुडी विभिन्न तरह की सेवाओं का लाभ देती हैं। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचकर गर्भवतियों व बच्चों की जांच भी करती हैं। डोर टू डोर अभियान के साथ सार्वजनिक स्थलों पर शिविर करती हैं। एएनएम को 49 प्रकार की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.
इसमें बीपी मशीन, स्टेथोस्कोप (आला), दो वजन मशीन (बच्चों-बड़ों के लिए), हब कटर, स्टेडियो मीटर, पेट जांचने के लिए टेबल-तख्त, एनाफायलेक्सिस किट, ईसीपी पैकेट, मूत्र परीक्षण स्ट्रिप्स व संग्रह कप, एचआइवी किट, सिफलिस किट, फेटोस्कोप एंड डापलर, एचबी परीक्षण स्ट्रिप, आयरन, कैल्शियम, जिंक समेत कई प्रकार की सामान्य दवा, गर्भनिरोधक सामग्री व स्टेशनरी शामिल है.