Surya Satta
सीतापुर

सीतापुर जिले की 93 महिलाओं को आईयूसीडी और 45 को पीपी आईयूसीडी का मिला लाभ

सीतापुर। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसी क्रम में हर माह की 21 तारीख को स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर दंपति को परिवार नियोजन के साधनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के बारे में जागरूक किया जाता है.इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। बीते माह मई में आयोजित किए गए खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर महिलाओं ने परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के प्रति अपनी दिलचस्पी दिखाई.
 इस मौके पर आईयूसीडी (इंट्रा यूटेराइन कांट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं की पहली और पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) दूसरी पसंद बनी.
सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि हर माह की 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधनों में से उनके मन माफिक किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाता है. परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रबंधक जावेद खान ने बताया कि मई माह में जिला महिला चिकित्सालय और सभी 19 ब्लॉक सीएचसी सहित किन्हौटी के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अलावा सीतापुर, महमूदाबाद और लहरपुर के शहरी पीएचसी पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया.
 इस मौके पर 93 महिलाओं ने आईयूसीडी लगवाया है. उन्होंने बताया कि दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के लिए आईयूसीडी (इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है. इसे माहवारी के बाद अथवा  प्रसव के छह सप्ताह बाद लगाया जाता है. वहीं जरूरत होने पर इसको आसानी से निकलवाया जा सकता है. अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाएं इसे बेहद पसंद करती हैं.
दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के लिए पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है। इसे प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगाया जाता है. वहीं जरूरत होने पर इसको आसानी से निकलवाया जा सकता  है. अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाएं इसे बेहद पसंद करती हैं. मई माह के खुशहाल परिवार दिवस पर 45 महिलाओं ने इसे लगवाया है. इसके अलावा छह  महिलाओं ने स्वेच्छा से अपना नसबंदी ऑपरेशन भी कराया है. मई माह के खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर 40 महिलाओं ने गर्भनिरोधक त्रैमासिक इंजेक्शन अंतरा लगवाया है.
 परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में अंतरा इंजेक्शन भी महिलाओं द्वारा बेहद पसंद किया जाता है. यह इंजेक्शन प्रति तीन माह के अंतर पर लगाया जाता है. इसे माहवारी आने के एक सप्ताह के अंदर और प्रसव होने के 6 सप्ताह बाद ही लगाया जाता है. गर्भवती को यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है. इसके अलावा इस मौके पर अनचाहे गर्भ से बचने के लिए 1,324 महिलाओं को गर्भ निरोधक खाने की गोली छाया और 1,020 महिलाओं को माला एन गोली का भी वितरण किया गया.

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