नैमिषारण्य में 84 कोसी परिक्रमा का आगाज, लाखों श्रद्धालुओं के जयघोष के साथ से शुरू हुई यात्रा, फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगी
सीतापुर। प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य(naimisharanya) से शुरू होने वाले विश्व विख्यात 84 कोसी परिक्रमा (84 Kosi rotation) का आगाज शनिवार को हो गया. नैमिषारण्य क्षेत्र के इस 84 कोसी परिक्रमा में देश के कोने – कोने से साधु-संत और श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. यह परिक्रमा फाल्गुन मास की प्रतिपदा से पूर्णिमा तक चलेगी.
जयघोष के साथ शुरू हुई परिक्रमा
नैमिषारण्य क्षेत्र में पहला आश्रम के महंत नारायण दास द्वारा नगाड़े के प्रारंभिक नाद और लाखों श्रद्धालुओं के जयघोष के साथ महर्षि दधीचि की स्मृति में 84 कोसी परिक्रमा का आगाज शनिवार को हो गया. नैमिषारण्य के मठ मंदिरों में शीश नवाते हुए साधु-संत और श्रद्धालु प्रथम पड़ाव कोरौना पहुच रहे है. इस 84 कोसी परिक्रमा में श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ व आदि गंगा गोमती में स्नान किया. इसके बाद चक्रतीर्थ की परिक्रमा करने के बाद भैरव टीला, परशुराम कूप, कुनेरा तीर्थ पर नमन करते हुए प्रथम पड़ाव कोरौना की तरफ चल पड़े. प्रथम पड़व पर रात्रि विश्राम के बाद साधु-संत और श्रद्धालु रविवार सुबह द्वारिकाधीश तीर्थ में स्नान मार्जन के बाद भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग व द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन कर अगले दूसरे पड़ाव हरैया के लिए प्रस्थान करेंगे.
पूर्णिमा को पूर्ण होती है 84 कोसी परिक्रमा
84 कोसी परिक्रमा के चार पड़ाव हरदोई जनपद में व सात पड़ाव सीतापुर में स्थित हैं. श्रद्धालु प्रतिदिन एक पड़ाव पर रात्रि विश्राम करते है इस दौरान पडाव स्थल पर साधु संत कीर्तन भजन करते हुए अगले पड़ाव की ओर प्रस्थान कर जाते हैं. 11 पड़ावों का भ्रमण करते हुए श्रद्धालु दशमी तिथि को महर्षि दधीचि की तपोभूमि मिश्रित पहुचते हैं. यहां परिक्रमार्थी पूर्णिमा तक पंचकोसी मिश्रित तीर्थ की परिक्रमा करते हैं. इसके बाद होलिका दहन और दधिचि कुंड में स्नान के साथ परिक्रमार्थी अपने अपने घरों के लिए प्रस्थान कर जाते हैं.
इन पड़ावों पर परिक्रमार्थी करते हैं रात्रि विश्राम
फाल्गुन मास की अमावस्या की प्रतिपदा को नैमिषारण्य से प्रारंभ हुई 84 कोसी परिक्रमा का पहला विश्राम कोरौना, दूसरा विश्राम हरदोई जनपद के हरैया, तीसरा पडाव नगवा, चौथा पड़ाव कोठावां, पांचवा पड़ाव गोपालपुर व छठा पड़ाव सीतापुर के देवगवां, सतवां पडाव मड़रूआ, आठवां पड़ाव जरिगंवा, नवमी को नैमिषारण्य व दसवां पड़ाव कोल्हुआ बरेठी (चित्रकूट) को होगा. वहीं ग्यारहवं पड़ाव मिश्रित में होगा. मिश्रित में ही परिक्रमार्थी पांच दिनों तक दधीचि तीर्थ की पंचकोसी परिक्रमा करेगें