Surya Satta
उत्तर प्रदेशलखनऊ

7.5 अरब रुपए से यूपी में विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार

 

विधान मंडल के दोनों सदनों के सभी सदस्यों को विकास निधि के तौर पर मिली प्रथम किस्त

विधान सभा और विधान परिषद के कुल 499 सदस्यों को प्रथम किस्त के रूप में मिले 7.48 अरब रुपए

विकास निधि से अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दे सकेंगे जनप्रतिनिधि

लखनऊ : विकास के पथ पर अग्रसर उत्तर प्रदेश के विकास को अब और गति मिलने जा रही है। विधानमंडल के दोनों सदनों (विधान सभा और विधान परिषद) के सभी 499 सदस्यों को शासन की ओर से उनके क्षेत्रों में विकास के लिए प्रदान की जाने वाली प्रस्तावित निधि की प्रथम किस्त के रूप में करीब 7.5 अरब रुपए प्रदान किए हैं. इस राशि को जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों पर खर्च कर सकेंगे. शासन की ओर से राशि स्वीकृति किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार प्रदेश के प्रत्येक जिले, प्रत्येक गांव को विकास से सराबोर करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी के दृष्टिगत विकास निधि को समय पर उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित है.

 

प्रत्येक विधान मंडल सदस्यों को मिलेगी डेढ़ करोड़ की धनराशि

 

ज्ञात हो कि विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत कुल 25.20 अरब रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में, मौजूदा बजट व्यवस्था के अंतर्गत विधान सभा के कुल 403 में से 401 सदस्यों (2 रिक्त स्थान) के लिए कुल 6 अरब एक करोड़ पचास लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा पहली किस्त के रूप में स्वीकृत की गई है. वहीं, विधान परिषद के कुल 100 में से 98 (2 स्थान रिक्त) सदस्यों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों पर खर्च करने हेतु कुल एक अरब सैंतालिस करोड़ रुपए देने का प्राविधान किया गया है. इस प्रकार, विधान मंडल के दोनों सदनों के कुल 499 (401+98)सदस्यों के लिए 7 अरब 48 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यय राशि जारी की गई है. इस राशि में जीएसटी की राशि भी सम्मिलित है.

 

जारी की गई कुल राशि में प्रत्येक सदस्य को विकास कार्यों के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त होगी। यह धनराशि विधान मंडल के सदस्य अपने क्षेत्र के विकास पर ही खर्च कर सकेंगे. वहीं, जिन निर्वाचन क्षेत्रों में विधान मंडल के सदस्यों के पद रिक्त हैं वहां के लिए कोषागार से राशि जारी नहीं की जाएगी. आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिन स्थानों पर आचार संहिता लागू है, वहां नियमों का पालन करते हुए ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

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