Surya Satta
सीतापुर

1,37,130 लाभार्थियों को मिला प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

 

सीतापुर। राज्य स्तर पर संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के हेल्पलाइन नंबर में बदलाव किया गया है. अभी तक इस योजना का हेल्पलाइन नंबर 7998799804 था. लेकिन अब योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी पाने अथवा किसी समस्या के समाधान के लिए अब हेल्पलाइन नंबर 104 डायल करना होगा.

सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया पीएमएमवीवाई और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की हेल्पलाइन नंबर 104 पर लाभार्थी और आमजन संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा पीएमएमवीवाई केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर महिला को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिए जाते हैं, प्रसव चाहे सरकारी या निजी अस्पताल में कराया गया हो. पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जरूरी है.

 

मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए. निजी अकाउंट ही मान्य होगा. यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा व जन्म प्रमाण पत्र होना जरूरी है. उन्होंने यह भी बताया कि योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल एवं सीएचसी पर भी संपर्क किया जा सकता है.

 

इस तरह मिलता है योजना का लाभ

जिला कार्यक्रम समंवयक अंबरीश दुबे ने बताया कि योजना की पहली शर्त में एक हजार रुपये की धनराशि गर्भवती का पंजीकरण होने पर दिया जाता है ताकि सभी स्वास्थ्य सेवाएं उन्हे समय से मुहैया कराई जा सकें. इसकी दूसरी शर्त में दो हजार रुपये की धनराशि गर्भ के दूसरी तिमाही में गर्भवती की सेहत की जांच होने पर दी जाती है.

 

जांच में जटिलता पाये जाने पर गर्भवती को विशेषज्ञ चिकित्सक के पास इलाज के लिए भेजा जाता है. तीसरी शर्त में दो हजार की धनराशि जन्मे शिशु का पंजीकरण कराने व पहले चक्र का टीकाकरण पूरा करने पर दी जाती है. इससे शिशु को जानलेवा बीमारी टीबी, काली खांसी, टिटनेस, गलघोटू, पोलियो व लीवर की बीमारी हेपेटाइटिस बी से सुरक्षा मिलती है. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक योजना में लक्ष्य (1,41,896) के सापेक्ष (1,37,130) लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है.

 

आर्थिक तंगी में काम आती है योजना

जिला कार्यक्रम सहायक रेनू त्रिवेदी ने बताया कि आर्थिक व सामाजिक कारणों से कई महिलाएं गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक परिवार के लिए जीविका अर्जित करना जारी रखती हैं. इसके अलावा वह बच्चे के जन्म देने के बाद वक्त से पहले काम करना शुरू कर देती हैं, जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता है. ऐसे में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत उन्हे पर्याप्त विश्राम करने के अवसर के साथ ही जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया हो जाती हैं.

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